एक सप्ताह में कॉल डिटेल रिपोर्ट पेश करो, नहीं तो थाना प्रभारी को कोर्ट में हाजिर होना होगा
एक सप्ताह में कॉल डिटेल रिपोर्ट पेश करो, नहीं तो थाना प्रभारी को कोर्ट में हाजिर होना होगा
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। हाईकोर्ट ने इटारसी के केसला थाना प्रभारी को निर्देश दिया है कि एक सप्ताह में कॉल डिटेल रिपोर्ट पेश करो, नहीं तो कोर्ट में हाजिर होकर स्पष्टीकरण देना होगा। जस्टिस राजीव दुबे ने यह आदेश दो बार समय दिए जाने के बाद भी कॉल डिटेल रिपोर्ट पेश नहीं करने पर दिया है।
दो महीने के भीतर रोहित की पत्नी ने आत्महत्या कर ली
अभियोजन के अनुसार इटारसी निवासी रोहित राय का 8 दिसंबर 2018 को विवाह हुआ था। शादी के दो महीने के भीतर रोहित की पत्नी ने आत्महत्या कर ली। पुलिस ने इटारसी की केसला पुलिस ने पति रोहित राय, सास सुनीता राय और ससुर लखनलाल राय के खिलाफ धारा 304 बी, 498 ए और दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्द्ध किया है। रोहित राय की ओर से जमानत आवेदन पेश कर कहा गया कि वह कृषि उपज मंडी में कम्प्यूटर ऑपरेटर के पद पर कार्यरत है। जिस समय घटना हुई, उस समय वह कृषि उपज मंडी में ड्यूटी पर था। इसलिए उसकी कॉल डिटेल रिपोर्ट की जांच की जाए। एकल पीठ ने केसला थाना प्रभारी को दो बार कॉल डिटेल रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा, लेकिन रिपोर्ट पेश नहीं की गई। वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष दत्त ने कोर्ट से कहा कि कॉल डिटेल रिपोर्ट पेश करने में जानबूझकर लापरवाही की जा रही है। इसकी वजह से आवेदक के जमानत आवेदन पर सुनवाई नहीं हो पा रही है। एकल पीठ ने इटारसी के केसला थाना प्रभारी को निर्देश दिया है कि एक सप्ताह में कॉल डिटेल रिपोर्ट पेश करो, नहीं तो थाना प्रभारी हो हाजिर होकर स्पष्टीकरण देना होगा।
ग्रामीणों का रहना दूभर हो रहा
भोपाल के रायसेन रोड़ स्स्थित कोलुआ खुर्द निवासी भगवान सिंह कुशवाहा, भोला राम और विजय प्रसाद की ओर से की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि भोपाल नगर निगम द्वारा पड़रिया कोलुआ खुर्द गांव में खुली जगह पर शहर भर का कचरा एकत्रित किया जा रहा है। कचरे से उठने वाली दुर्गन्ध की वजह से ग्रामीणों का रहना दूभर हो रहा है। केमिकल युक्त कचरे को खाकर कई मवेशी मर चुके है। याचिका में कहा गया है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कहा था कि भोपाल नगर निगम कचरे को जलाने के लिए पावर प्लांट लगाएगा। जिस जगह पर कचरा एकत्रित किया जाएगा, वहां पर चारों तरफ बाउंड्री बॉल बनाई जाएगी। कचरे को नदी और तालाबों से दूर रखा जाएगा। इसके बाद भी भोपाल नगर निगम द्वारा खुले में कचरा एकत्रित किया जा रहा है। कचरे को जलाने के लिए पावर प्लांट भी नहीं लगाया गया है। इसकी वजह से ग्रामीणों का रहना दूभर हो गया है। अधिवक्ता धनंजय कुमार मिश्रा ने तर्क दिया कि भोपाल नगर निगम को निर्देश दिए जाए कि कचरे का एनजीटी के निर्देशों के तहत प्रबंधन करें, ताकि ग्रामीणों को राहत मिल सके। प्रांरभिक सुनवाई के बाद
युगल पीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है।