फास्टैग अनिवार्यता को लेकर हाईकोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब, कैश काउंटर जारी रखने की मांग के लिए लगी याचिका 

फास्टैग अनिवार्यता को लेकर हाईकोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब, कैश काउंटर जारी रखने की मांग के लिए लगी याचिका 

Tejinder Singh
Update: 2021-03-03 14:38 GMT
फास्टैग अनिवार्यता को लेकर हाईकोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब, कैश काउंटर जारी रखने की मांग के लिए लगी याचिका 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। वाहनों में फास्टैग की अनिवार्यता से जुड़े निर्णय के खिलाफ दायर याचिका पर बांबे हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। फास्टैग एक इलेक्ट्रानिक टोल चिप है जिसे सरकार ने महामार्गोंपर स्थित टोल प्लाजा से गुजरनेवाले सभी वाहनों में लगाना अनिवार्य किया है। इस बारे में सामाजिक कार्यकर्ता अर्जुन खानपुरे ने कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ ने याचिका पर गौर करने के बाद केंद्र सरकार के सड़क परिवहनव महामार्ग मंत्रालय को 17 मार्च 2021 तक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। याचिका में मांग की गई है कि आम नागरिकों के लिए सभी टोल प्लाजापर कैश काउंटर की सुविधा को जारी रखा जाए। याचिका में कहा गया है कि अभी भी बहुत से लोग पैसों के ऑनलाइन भुगतान को लेकर सहज नहीं हैं। इसलिए टोल प्लाजा में कम से कम एक मार्ग ऐसा रखा जाए जहां कैश काउंटर की सुविधा हो। गौरतलब है कि वाहन परफास्टैग चिप लगाने से टोल प्लाजा से वाहन के गुजरते ही अपने आप टोल की रकम बैंक खाते से स्थांतरित हो जाती है।

याचिका में कहा गया है कि जिन वाहनों परफास्टैग नहीं लगा है, ऐसे वाहन चालकों से टोल नाकों पर मनमाने तरीके से टोल की रकमवसूली जा रही है। कई बार यह रकम वास्तिवक रकम की दोगुनी होती है। याचिका में मांग की गई है कि केंद्र सरकार की ओर से 12 व 14 फरवरी 2021 को फास्टैग की अनिवार्यता को लेकर जारी किए गए परिपत्र पर याचिका की सुनवाई पूरी होने तक रोक लगाई जाए। इस परिपत्र के तहत सभी टोल प्लाजा को फास्टैग के अनुरुप किया जा रहा है। याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने केंद्र सरकार को याचिका पर जवाब देने को कहा और याचिका पर सुनवाई 17 मार्च 2021 तक के लिए स्थगित कर दी।

 

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