बूस्टर डोज को लेकर हाईकोर्ट ने केंद्र-राज्य और मनपा से मांगा जवाब

दाखिल हुई याचिका  बूस्टर डोज को लेकर हाईकोर्ट ने केंद्र-राज्य और मनपा से मांगा जवाब

Tejinder Singh
Update: 2022-01-21 15:15 GMT
बूस्टर डोज को लेकर हाईकोर्ट ने केंद्र-राज्य और मनपा से मांगा जवाब

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए बूस्टर डोज को लेकर दाखिल एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बांबे हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार और मुंबई महानगर पालिका से इससे संबंधित नीति को लेकर 10 दिन में हलफमाना दाखिल करने को कहा है। वकील धृति कपाडिया और कुणाल तिवारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्यन्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति अनिल किलोर की खंडपीठ ने कहा कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए पात्र लोगों को कोविड सेंटर और अस्पताल जा कर जल्द से जल्द बूस्टर डोज लेनी चाहिए। याचिका में दावा किया गया है कि बूस्टर डोज को लेकर नागरिकों में भ्रम की स्थिति है। जिसके बाद अदालत ने केंद्र व राज्य सरकार के साथ मुंबई महानगर पालिका से इससे जुड़े दिशानिर्देशों की जानकारी मांगी। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर फिलहाल स्वास्थ्य कर्मचारियो, फ्रंट लाइन वर्कर्स और 60 साल से ज्यादा आयु के गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को बूस्टर डोज दी जा रही है। याचिकाकर्ता कपाड़िया ने कहा कि बूस्टर डोज को लेकर स्थित साफ नहीं है। कुछ लोग 6 महीने में इसे लगाने की बात कह रहे हैं और कुछ लोग 9 महीने बाद ऐसे में आम लोगों से जुड़ा मामला होने के चलते यह साफ होना चाहिए कि बूस्टर डोज किस तरह लगाए जाएंगे। वहीं केंद्र सरकार के वकील आदित्य ठक्कर ने अदालत को बताया कि वरिष्ठ नागरिकों और फ्रंट लाइन वर्कर्स को बूस्टर डोज लगाने को लेकर दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी। 
 

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