हाईकोर्ट ने कहा ट्रैफिक नियमों को सख्ती से लागू किया जाए- जुर्माने का ब्यौरा भी मांगा

हाईकोर्ट ने कहा ट्रैफिक नियमों को सख्ती से लागू किया जाए- जुर्माने का ब्यौरा भी मांगा

Anita Peddulwar
Update: 2019-09-19 08:49 GMT
हाईकोर्ट ने कहा ट्रैफिक नियमों को सख्ती से लागू किया जाए- जुर्माने का ब्यौरा भी मांगा

डिजिटल डेस्क,नागपुर।  ट्रैफिक सुरक्षा से जुड़ी एक सू-मोटो जनहित याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में सुनवाई हुई, जिसमें विभागीय आयुक्त की अध्यक्षता वाली समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंपी। इसमें कोर्ट को बताया गया कि पुलिस ने 1 जनवरी से 20 अगस्त तक ड्रंक एंड ड्राइव के कुल 13 हजार 771 मामले दर्ज किए हैं। इसी बीच ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले 74 हजार 771 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इसी तरह सड़क पर लावारिस पड़ी 217 चार पहिया वाहनों के निपटारे का निर्णय लिया गया है, इसके लिए सार्वजनिक नोटिस भी जारी कर दिया गया है। हाईकोर्ट ने पुलिस और प्रशासन की सराहना करते हुए उन्हें ट्रैफिक नियमों को सख्ती से लागू करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर वसूले जाने वाले जुर्माने का ब्योरा भी पुलिस से मांगा है। मामले में एड.श्रीरंग भंडारकर न्यायालयीन मित्र की भूमिका में हैं। 

यह है मामला
उल्लेखनीय है कि शहर में कुछ वर्ष पूर्व कोचिंग क्लास जाते समय एक 15 वर्षीय बालक से दुर्घटना हो गई थी जिसमें एक महिला की मृत्यु हो गई थी। बालक के खिलाफ मुकदमा दायर होने पर उसके पालकों ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। किशोर वर्ग द्वारा चलाए जा रहे ज्यादा सीसी के वाहनों से शहर में दिनों-दिन ऐसी दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। इसका संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने स्वयं जनहित याचिका दायर की थी। इस मामले में बीती सुनवाई में मनपा ने हाईकोर्ट को बताया कि उनके निर्देश पर शहर के निजी कोचिंग क्लास संचालकों ने अपने 7 हजार 321 विद्यार्थियों के अभिभावकों से शपथ-पत्र लिया है कि किशोर वर्ग को दिए जा रहे वाहनों से होने वाली दुर्घटनाओं के जिम्मेदार पालक होंगे।

शहर में सड़कों के बीचों-बीच बैठने वाले मवेशियों से राहगीरों और वाहन चालकों को परेशानी होती है।  इससे न केवल यातायात बाधित होता है, बल्कि कई बार दुर्घटनाएं भी होती हैं। इस समस्या का हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है। कोर्ट ने मामले में क्षेत्रीय डेयरी डेवलपमेंट ऑफिसर को मवेशियों की टैगिंग के आदेश दिए थे, जिससे उनके मालिकों पर जिम्मेदारी तय करने में आसानी होगी। इसी मामले में हाईकोर्ट ने शहर के तमाम मनपा जोनल अधिकारियों और नगरसेवकों को आदेश दिए हैं कि वे मवेशियों की समस्या के समाधान में मदद करें और खुद भी एक एक्शन प्लान प्रस्तुत करें। 

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