.एचआईवी पॉजीटिव महिला का  जिला अस्पताल में सीजर आपरेशन - उसके बाद दो टेबल पर हुए तीन और सीजर 

.एचआईवी पॉजीटिव महिला का  जिला अस्पताल में सीजर आपरेशन - उसके बाद दो टेबल पर हुए तीन और सीजर 

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Update: 2019-09-10 07:42 GMT
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डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। लापरवाही को लेकर सुर्खियों में रहने वाले जिला अस्पताल की बड़ी चूक सोमवार को उजागर हुई है। गायनिकी वार्ड में तीन डॉक्टरों की टीम ने एचआईवी पॉजीटिव महिला का बिना सुरक्षा इंतजाम और एहतियात बरते बिना सीजर ऑपरेशन कर दिया गया। लापरवाही का यह सिलसिला यहीं नही थमा। इस ऑपरेशन के बाद तीन और सीजर भी किए गए। बाद में जब शल्य चिकित्सकों को मामले की जानकारी लगी तो पूरे अस्पताल में हड़कंप मच गया। आनन फानन तत्काल ऑपरेशन थियेटर में सीजर बंद किए गए और मौके से उपकरणों को हटा दिया गया। 24 वर्षीय यह महिला छिंदवाड़ा जिला मुख्यालय की बताई जा रही है। मामला उजागर होने के बाद पीडि़त महिला का एलायजा टेस्ट फिर से कराया गया है जिसकी रिपोर्ट को लेकर चिकित्सकों के बीच ही कई प्रकार की चर्चाएं चल रही हैं।  
ऐसे हुई लापरवाही--
एचआईवी पीडि़त महिला का पिछले 6-7 माह से इलाज जिला अस्पताल में चल रहा था। चिकित्सकों सहित नर्सों को भी इस बात की जानकारी थी कि महिला एचआईवी पॉजीटिव है और प्रसव के समय सुरक्षा इंतजामों को ध्यान में रखते हुए ही प्रसव करवानी है, लेकिन बताया जा रहा है कि एक वरिष्ठ नर्स की एप्रोच के चलते सबसे पहले इस पीडि़त महिला का सीजर जिला अस्पताल में कर दिया गया। 
यह हैं नियम 
नियम यह हैं कि एचआईवी पीडि़त महिला के सीजर के पहले उस दिन मौजूद अन्य मरीजों के सीजर ऑपरेशन पहले निपटाने के बाद संक्रमित महिला का सीजर किया जाए। और सीजर के लिए अलग किट का उपयोग किया जाए।  लेकिन चिकित्सकों ने इन नियमों को दरकिनार कर महिला का सीजर पहले कर दिया। 
--गर्भधारण के बाद जांच में चला एचआईवी का पता 
गर्भवती होने पर 24 वर्षीय महिला की जांच जिला अस्पताल में की गई। तभी उसके एचआईवी संक्रमित होने का पता चला। महिला का एलायजा टेस्ट भी कराया गया जो पॉजीटिव निकला। बाद में लगातार महिला और उसके पति की कॉउंसलिंग का प्रयास भी किया गया और दिल्ली से काउंसलर बुलाए गए लेकिन दोनों ने कांउसंलिंग नहीं ली। 
गायनिक ओटी के बजाए सर्जिकल ओटी में हो रहे सीजर 
जिला अस्पताल की गायनिक वार्ड के ऑपरेशन थियेटर में काम चल रहा है इसलिए सर्जिकल वार्ड के ऑपरेशन थियेटर में सीजर ऑपरेशन किए जा रहे हैं। सोमवार को सर्जिकल ओटी के 2 नंबर कमरे में एनेस्थिेशिया विशेषज्ञ डॉ गगन कोल्हे, डॉ कंचन दुबे, डॉ प्रतिभा स्थापक द्वारा सीजर किया गया। एचआईवी पीडि़ता को मिलाकर इसी कमरे में कुल चार सीजर किए गए। 
-- ओटी में मौजूद मरीज, डॉक्टर व अन्य स्टॉफ को भी संक्रमण का खतरा 
चिकित्सा विशेषज्ञों की मानें तो सामान्यत: एचआईवी पॉजीटिव मरीज के आसपास रहने से एचआईवी नही फैलता। लेकिन सीजर जैसे मामलों में एहतियात बरती जाती है। ताकि मरीज का संक्रमण किसी को भी न फैले। जिला अस्पताल में एचआईवी पीडि़ता का सीजर करने के बाद तीन और सीजर किए गए। इस सीजर में कौन से उपकरण उपयोग किए गए। चिकित्सकों ने अपने गलब्स और एप्रॉन बदला या नहीं यह बात किसी को नहीं मालूम। लेकिन जिस तरह की लापरवाही जिला अस्पताल में हुई है उससे तीन महिला मरीजों के साथ ही तीन चिकित्सक, दो नर्सें और दो सफाई कर्मचारियों पर भी संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है। 
इनका कहना है
जैसे ही पता चला कि यह महिला एचआईवी पीडि़त है, तत्काल सीजर में उपयोग की गई सामग्री को हटा दिया गया है। ओटी भी स्ट्रलाइड कर बंद कर दी गई उसमें कल तक ऑपरेशन नहीं होंगे। किसी को भी संक्रमण का खतरा नहीं है। समान्य सीजर में भी पूरा प्रिकाशन लिया जाता है। 
डॉ सुशील राठी, सिविल सर्जन जिला अस्पताल

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