घरेलू कचरे से जैविक खाद बनाने वाले हुए सम्मानित, 5 महीने में बनकर तैयार होती है खाद

किचन गार्डन घरेलू कचरे से जैविक खाद बनाने वाले हुए सम्मानित, 5 महीने में बनकर तैयार होती है खाद

Tejinder Singh
Update: 2021-12-12 12:03 GMT
घरेलू कचरे से जैविक खाद बनाने वाले हुए सम्मानित, 5 महीने में बनकर तैयार होती है खाद

डिजिटल डेस्क, नागपुर। घर के कचरे से जैविक, केंचुआ खाद बनाकर किचन गार्डन विकसित करने वालों का मनपा ने सम्मान किया। अरविंद सोसाइटी, नरेंद्र नगर निवासी अजीत कुलकर्णी और सेवानिवृत्त उपजिलाधिकारी जाधव ने कचरे से खाद बनाकर किचन गार्डन विकसित कर दिखाया। उनके कार्यों को प्रोत्साहित करने धंतोली जोन सहायक आयुक्त किरण बगड़े ने सुयोग नगर उद्यान में उनका सत्कार किया।  इस अवसर पर जोनल स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेंद्र पाटील तथा अन्य सहयोगी उपस्थित थे। 

बगीचे में उगाई सब्जी 

किचन गार्डन में कुलकर्णी और जाधव ने बैंगन, पालक, मेथी, गोभी आदि सब्जियां उगाईं। जैविक, कंेचुआ खाद से उगी सब्जियों में रासायनिक खाद का उपयोग नहीं किए जाने से यह सब्जियां पोषकतत्वों से युक्त मानी जाती हैं।

अतिरिक्त आयुक्त राम जोशी ने कहा कि शहर में नागरिकों को जैविक तथा केंचुआ खाद बनाने के लिए मनपा प्रोत्साहन देगी। 50 से 60 घरों से निकलने वाली कचरे से खाद बनाने के प्रकल्प चालू करने पर मनपा विचार कर रही है। यह प्रयोग सफल होने पर कचरा कम होगा और नागरिकों को घर पर ही खाद उपलब्ध होगी। कचरे से बनने वाले खाद का उपयोग कर ताजी और जैविक सब्जियां खानपान में आने से नागरिकों का स्वास्थ्य सुधरेगा। आर्थिक बचत भी होगी। शहर में अविनाश टेंभुर्णे, हेमराज वालदे, ऋचा चौधरी, सुहास गाड़े, एस.एम. काटकवार, चंचल भिड़े, विधुला विंचलने, रतना कंधारी आदि प्रबुद्ध नागरिकों ने कचरे से खाद बनाने के प्रकल्प साकार किए हैं।

ऐसे बनाई जाती है खाद

केंचुआ खाद के लिए 4 बाय 2 बाय 2 फीट के एक बर्तन का उपयोग करें। उसे दो हिस्सों में बांट दें। बर्तन में 250-300 केंचुए छोड़कर गीला कचरा डाला जाता है। गीले कचरे में खराब फल, बचा हुआ भोजन डालें। अमूमन 5 महीने में केंचुआ खाद बनकर तैयार हो जाती है। उस खाद का उपयोग फूलों के पौंधे, किचन गार्डन में किया जा सकता है।

 

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