सैकड़ों निवेशकों को कंपनी ने करोड़ों से ठगा, मध्य प्रदेश से पकड़ा गया आरोपी

सैकड़ों निवेशकों को कंपनी ने करोड़ों से ठगा, मध्य प्रदेश से पकड़ा गया आरोपी

Tejinder Singh
Update: 2018-01-14 11:59 GMT
सैकड़ों निवेशकों को कंपनी ने करोड़ों से ठगा, मध्य प्रदेश से पकड़ा गया आरोपी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। साई प्रकाश प्रापर्टी डेवलपमेंट कंपनी के संचालक को पुलिस मध्य प्रदेश से गिरफ्तार कर नागपुर लाई है। कम समय में रकम डबल और ज्यादा ब्याज दर देने का झांसा देकर कंपनी संचालक ने सैकड़ों निवेशकों को करोड़ों रुपए से ठगा है। जरीपटका थाने में मामला दर्ज किया गया है। मामला करोड़ों रुपए की लेन-देन से जुड़ा होने के कारण अपराध शाखा के आर्थिक विभाग को इसकी जांच साैंपी गई है। निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए कंपनी संचालक ने कुछ निवेशकों को ब्याज भी दिया है। बाद में ब्याज देना भी बंद हो गया था, जिससे कई लोगों ने संचालक से अपनी रकम वापस मांगी थी। 

नागपुर से था फरार

कंपनी के दफ्तर में निवेशकों ने कई बार हल्ला भी बोला। इस बीच आरोपी निवेशक कंपनी को ताला लगाकर नागपुर से भाग गए। निवेशक नंदा विष्णु गोणेकर की शिकायत पर जरीपटका थाने में मामला दर्ज किया गया था। मामला करोड़ों रुपए की लेन-देन से जुड़ा होने के कारण स्थानीय अपराध शाखा के आर्थिक विभाग को इसकी जांच सौंपी गई थी। करीब दो वर्ष तक प्रकरण की जांच चलती रही। हालांकि पुलिस ने आरोपी संचालक को कई बार घेरने का प्रयास किया, लेकिन हर बार वह पुलिस को चकमा देने में सफल हो गया। मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के ब्योहारी थाना क्षेत्र से आरोपी संचालक पुष्पेेंंद्र सिंह को गिरफ्तार कर नागपुर लाया गया। शनिवार को उसे अदालत में पेश कर 17 तारीख तक पीसीआर में लिया गया है। 


झांसा देने करते थे सेमिनार

पुष्पेंद्र सिंह कृष्ण प्रताप सिंह बघेल साई प्रकाश प्रापर्टी डेवलपमेंट लिमिडेट कंपनी का संचालक है। कंपनी का मुख्यालय जयपुर (राजस्थान) में है। वर्ष 2010 में कंपनी ने नागपुर समेत चंद्रपुर, गोदिंया, अकोला, अमरावती, गड़चिरोली, वर्धा आदि महाराष्ट्र के अलावा अन्य राज्यों में अपनी शाखाएं खोली थी। निवेशकों को आकर्षित करने के लिए हजारों की संख्या में कंपनी ने ऊंचे कमिशन पर एजेंट नियुक्त किए थे। उनके जरिए कई शहरों के नामी होटलों में सेमिनार भी आयोजित किए गए थे। सेमिनार में मासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक और वार्षिक रकम पर सरकारी बैकों से भी ज्यादा ब्याज दर देने का वादा किया था। अन्य सरकारी बैंकों में फिक्स डिपाजिट करने पर 8 से 9 वर्ष का समय लगता है, लेकिन साई प्रकाश कंपनी में 5 वर्ष में ही दाम दोगुना देने का लुभावना झांसा दिया गया था। इसके अलावा एक्सिडेंट क्लेम की भी सुविधा होने का बताया गया था, जिससे वर्ष 2010 से 2016 के बीच में 300 से 400 निवेशक कंपनी से जुड़ गए थे। निवेशकों में नामी व्यापारी, नौकरी पेशा, गृहिणी सभी वर्ग के लोग थे, जिन्होंने अपने खून-पसीने की कमाई इसमें लगा दी थी। 
 

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