कोमा में पति ऊपर से घर खर्च उठाना मुश्किल, हाईकोर्ट ने महिला को संरक्षक नियुक्त कर दी राहत

कोमा में पति ऊपर से घर खर्च उठाना मुश्किल, हाईकोर्ट ने महिला को संरक्षक नियुक्त कर दी राहत

Tejinder Singh
Update: 2019-05-09 15:42 GMT
कोमा में पति ऊपर से घर खर्च उठाना मुश्किल, हाईकोर्ट ने महिला को संरक्षक नियुक्त कर दी राहत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पति के कोमा में होने के चलते वित्तीय संकट से जूझ रही पत्नी को बांबे हाईकोर्ट ने राहत प्रदान करते हुए उसे अपने पति का संरक्षक नियुक्त कर दिया है।  पत्नी ने खुद को अपने पति का संरक्षक नियुक्त किए जाने की मांग को लेकर बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।याचिका में पत्नी ने दावा किया था कि उसके डाक्टर पति सितंबर 2013 से कोमा में है और काफी समय से बिस्तर में है। पति अब चलने फिरने की स्थिति में नहीं है, इसलिए अपने पति का संरक्षक नियुक्त किया जाए। ताकि वह अपने पति के नाम पर खुले बैंक खाते को आपरेट कर सके और पैसे निकालकर पति के मेडिकल बिल व बच्चों की शिक्षा के लिए पैसो का इस्तेमाल कर सके। याचिका में पत्नी ने अपने पति की चल व अचल संपत्ति भी बेचने की इजाजत मांगी थी। 

न्यायमूर्ति अभय ओक व न्यायमूर्ति एमएस शंकलेचा की खंडपीठ ने मामले से जुड़ी याचिका पर गौर करने के बाद पति की हालत का जायजा लेने के लिए मुंबई के नायर अस्पताल के अधीष्ठता को डाक्टर नियुक्त कर महिला के पति के स्वास्थ्य का जायजा लेने का निर्देश दिया था। खंडपीठ के निर्देश के तहत कोर्ट में डाक्टरों ने अपनी रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट में कहा गया था कि महिला के पति फैसले ले पाने में सक्षम नहीं है। वे दिन भर बिस्तर पर लेटे रहते है। उनमे चेतना बहुत कम है। डाक्टरों की रिपोर्ट पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने महिला को अपने पति का संरक्षक नियुक्त कर दिया। अब वह अपने पति के खाते व उनकी चल अथवा अचल संपत्ति को बेच सकेगी। 

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