इफको टोकियो ने कोरोना कवच पॉलिसी बेची पर क्लेम नहीं दे रही
इफको टोकियो ने कोरोना कवच पॉलिसी बेची पर क्लेम नहीं दे रही
पीडि़तों का आरोप : तरह-तरह की क्वेरी पूरी करने के बाद फाइल कर दी जाती है रिजेक्ट
डिजिटल डेस्क जबलपुर । कोरोना संक्रमण के दौरान हजारों की संख्या में लोगों ने कोरोना कवच व कोरोना रक्षक पॉलिसी खरीदी। पॉलिसी धारक जब संक्रमित हुए तो उन्हें इलाज के लिए चिकित्सकों की सलाह पर अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। अस्पताल में उन्होंने पॉलिसी के माध्यम से कैशलेस कराने का प्रयास किया, पर अस्पताल प्रबंधन ने बीमा कंपनी के कहने पर इनकार कर दिया। आखिरकार अपनी जान बचाने के लिए पॉलिसी धारकों को जेब से पूरा भुगतान करना पड़ा। अस्पताल व दवाइयों की समरी लगाकर क्लेम के लिए ऑनलाइन व ऑफलाइन बीमा कंपनी में शेयर किए गए, तो कई तरह की क्वेरी निकाली गईं। क्वेरी निकालने के बाद बीमित व्यक्तियों द्वारा सारे दस्तावेज दोबारा सबमिट किए गए। उसके बाद बीमा कंपनी के द्वारा टीम को भेजकर चैक कराया गया। बीमा के सारे दस्तावेज चैक करने के बाद यह कहा गया कि जल्द ही आपको क्लेम दिया जाएगा पर अचानक नो क्लेम का लैटर पॉलिसी धारकों को थमा दिया जाता है। पीडि़तों का आरोप है कि बीमा कंपनी किसी को भी बीमा क्लेम नहीं दे रही है और क्लेम न देने के लिए कई तरह के कारण निकाल रही है।
इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ
इस तरह की समस्या यदि आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर, जबलपुर के मोबाइल नंबर - 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।
केस.1 - सारे बिल व रिपोर्ट लेने के बाद क्लोज कर दी हमारी फाइल
विजय नगर निवासी कृष्ण कुमार खम्परिया ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने इफको टोकियो से पॉलिसी ली है। बेनीफिट पॉलिसी में लाभ देने का वादा भी किया था। वे 6 नवंबर को कोरोना वायरस के शिकार हो गए थे। संक्रमण के कारण काफी हालत खराब होने के कारण चिकित्सकों ने अस्पताल में भर्ती होकर इलाज कराने की सलाह दी थी। वे कोठारी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हो गए थे। वहाँ पर इफको टोकियो की पॉलिसी देकर कैशलेस करने के लिए कहा, पर बीमा कंपनी ने अस्पताल प्रबंधन को कैशलेस करने से इनकार कर दिया। उसके बाद उन्होंने स्वयं के खर्च पर पूरा इलाज कराया। अस्पताल से 16 नवंबर को छुट्टी होने के कुछ बाद वे बीमा कंपनी में अपने सारे बिल क्लेम किए थे। कंपनी द्वारा एक पत्र जारी कर क्वेरी पूरी करने के लिए कहा गया था। उन्होंने दोबारा सारी रिपोर्ट उपलब्ध कराई। उसके बाद आईसीएमआर की रिपोर्ट की कापी माँगी गई और जब वह उपलब्ध करा दी गई, तो उसे मानने से बीमा कंपनी ने इनकार करते हुए क्लेम रिजेक्ट कर दिया। पीडि़त का आरोप है कि बीमा कंपनी हमें जानबूझकर परेशान कर रही है।
केस.2- जिस बीमारी की पॉलिसी उसी का भुगतान नहीं कर रही कंपनी
हमने कोरोना कवच पॉलिसी इफको टोकियो से ली थी और वह हमारे साथ धोखा कर रही है। यह आरोप कमला नेहरू नगर निवासी रोहित रैकवार द्वारा लगाए गए हैं। रोहित ने बताया कि 21 सितम्बर 2020 को कोरोना संक्रमण का शिकार होने के कारण वे चिकित्सक की सलाह पर कोठारी अस्पताल में भर्ती हो गए थे। वहाँ कोरोना कवच पॉलिसी दिखाई और कैशलेस करने के लिए कहा तो बीमा कंपनी ने कैशलेस करने से इनकार कर दिया। किसी तरह उन्होंने पैसों की व्यवस्था करते हुए अपना पूरा इलाज कराया। अस्पताल से 24 सितम्बर को छुट्टी मिलने के बाद वे 17 दिनों तक घर पर रहे और उसके बाद सारे बिल अस्पताल से लेकर बीमा कंपनी में सबमिट किया। वहाँ से अनेक तरह के दोबारा दस्तावेज माँगे गए। रोहित ने बीमा कंपनी द्वारा माँगे गए सारे दस्तावेज उपलब्ध कराए और उसके बाद वे लगातार बीमा कंपनी के अधिकारियों से संपर्क करते रहे। बीमा अधिकारियों द्वारा जल्द ही क्लेम सेटल करने की बात की गई। यहाँ तक की बीमा कंपनी ने अपने सर्वेयरों को चैक करने के लिए घर व अस्पताल भेजा। जाँच टीम के अधिकारियों ने भी जल्द क्लेम भुगतान करने को कहा पर अब क्लेम देने से इनकार किया जा रहा है।
पॉलिसी नंबर के आधार पर बताएँगे कारण
इनका कहना है
बीमित व्यक्ति पॉलिसी नंबर बताएँ तो हम उनके नो क्लेम का विवरण दे पाएँगे। वैसे हमारी कंपनी लगातार क्लेम सेटल करते आ रही है।
-अंकित पांडे, इफको टोकियो