देखरेख के अभाव में बदहाल हो रहीं चंदेल कालीन प्रतिमाएं

देखरेख के अभाव में बदहाल हो रहीं चंदेल कालीन प्रतिमाएं

Bhaskar Hindi
Update: 2017-07-09 16:03 GMT
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डिजिटल डेस्क, हटा। ग्राम मुहन्ना के एक कस्बे में चंदेलकालीन खजुराहो की मूर्ति कला के अनुपम नमूने देखने मिलते हैं। लेकिन देखरेख के अभाव में प्राचीन मूर्तियां बिखरी पड़ी हैं। इस पर प्रशासन व पुरातत्व विभाग को ध्यान देने की जरूरत है।

इन प्रतिमाओं को देखने के लिए हटा-पन्ना मुख्य मार्ग पर नकटी बस स्टॉप से ग्राम खमरगौर की ओर जाने वाले रास्ते में एक किलोमीटर पैदल चलकर ग्राम मुहन्ना पहुंचा जा सकता है। वहां एक बस्ती से थोड़े ही अंतर पर स्थापित एक मंदिर के पास बिखरी पड़ी यह प्रतिमाएं खुद अपने आप में ऐतिहासिक होने का प्रमाण देखर अपनी अनुपम कलाकृति का नमूना पेश करती हैं।

माँ चंडी के रूप की है मान्यता
गांव के रहवासी पेड़ के नीचे पड़ी एक प्रतिमा को माँ चंडी के के रूप में पूजते हैं और मंदिर की दरवाजानुमा आकृति के बीचों-बीच रखी तीन पिंडियां सालों से भगवान शिव और भगवान गणेश के रूप में पूजी जाती रही हैं। स्थानीय लोग इन अतिप्राचीन प्रतिमाओं के प्रति आस्थाभाव रखकर उनका पूजन करते हैं।

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