मंहगाई : पीली मटर पर लगी 50% इंपोर्ट ड्यूटी, गेहूं का भी आयात शुल्क बढ़ा

मंहगाई : पीली मटर पर लगी 50% इंपोर्ट ड्यूटी, गेहूं का भी आयात शुल्क बढ़ा

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-09 17:19 GMT
मंहगाई : पीली मटर पर लगी 50% इंपोर्ट ड्यूटी, गेहूं का भी आयात शुल्क बढ़ा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार की मांग के बाद केंद्र सरकार ने पीली मटर पर इंपोर्ट ड्यूटी यानी आयात शुल्क 50 प्रतिशत लगाया है। जबकि अब तक इस पर इंपोर्ट ड्यूटी नहीं लगती थी। साथ ही गेहूं पर इंपोर्ट ड्यूटी 10 प्रतिशत से बढ़ा कर 20 प्रतिशत कर दी गई है। गुरुवार को मंत्रालय में प्रदेश के कृषि एवं विपणन राज्य मंत्री सदाभाऊ खोत ने यह जानकारी दी। खोत ने बताया कि केंद्र सरकार ने तुअर (अरहर), मूंग और उड़द पर लगी निर्यात पाबंदी को हटा दिया है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने तुअर के दो लाख टन से अधिक के आयात पर पाबंदी लगाई है। उड़द और मूंग के आयात के लिए 3 लाख 50 हजार टन तक की सीमा तय की गई है।  

 

पीली मटर के इंपोर्ट में दिखी खासी बढ़ोतरी

आपको बता दें कि पीली मटर के इंपोर्ट में खासी बढ़ोतरी देखने को मिली है। साल 2015-16 की बात करें, तो उस वक्त देश में 22.45 लाख टन पीली मटर इंपोर्ट की गई थी। जबकि साल 2016-17 में पीली मटर का आयात 31.72 लाख टन हुआ था। इस बार पीली मटर पर 50 प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी लगाई गई है। जो पहले नहीं लगती थी। इसे किसानों के हित में उठाया गया कदम बताया जा रहा है।

 

केंद्रीय मंत्रियों को लिखा था पत्र

खोत ने कहा कि सरकार के इस फैसले से तुअर, मूंग, उड़द, कपास, धान, ज्वारी, बाजरी और सोयाबीन समेत अन्य फसलों के किसानों को फायदा मिल सकेगा। इन फसलों का बाजार में भाव बढ़ेगा। किसानों को बाजार में न्यूनतम समर्थन मूल्य के जितना भाव मिल सकेगा। इससे पहले राज्य मंत्री खोत ने आयात शुल्क बढ़ाने को लेकर केंद्रीय मंत्रियों को पत्र लिखा था। खोत ने कहा कि राज्य कृषि मूल्य आयोग बनाए जाने के कारण केंद्र सरकार से कृषि उत्पाद के दर के संबंध में समन्वय स्थापित करने में मदद मिली है।

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