एक किचन, 121 कर्मचारी और 3 घंटे में बनता है 12 हजार बच्चों का खाना, जानिए कैसे

एक किचन, 121 कर्मचारी और 3 घंटे में बनता है 12 हजार बच्चों का खाना, जानिए कैसे

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-08 13:10 GMT
एक किचन, 121 कर्मचारी और 3 घंटे में बनता है 12 हजार बच्चों का खाना, जानिए कैसे

डिजिटल डेस्क, डहाणु (पालघर)। पालघर जिले के कांबलगांव (बोईसर) में सेंट्रल किचन में अत्याधुनिक मशीनों की मदद से तीन घंटों के भीतर 11,956 छात्रों का भोजन तैयार कर 18 वाहनों से अलग-अलग जगह पर स्थित आश्रम शालाओं में भेज दिया जाता है।  यहां से 60 किलोमीटर में फैली 25 आश्रम शालाओं के बच्चों के लिए दो टाइम का खाना और नाश्ता तैयार किया जाता है। आदिवासी कल्याण मंत्री विष्णु सावरा ने 5 दिसंबर 2015 को इस रसाेईघर का उद्धाटन किया था। यहां सारा कामकाज मशीन के माध्यम से किया जाता है।

सेंट्रल किचन को Tata Trust ISKCON के अक्षय पात्र फाउंडेशन के सहयोग से चलाया जाता है। किचन में शाकाहारी और मांसाहारी भोजन तैयार करने के लिए अलग-अलग स्थान है। मांसाहारी भोजन तैयार करने के लिए यहां के कर्मचारियों को पंचसितारा होटल ताज के शेफ ने प्रशिक्षित किया है, इस रसोईघर में 121 अधिकारी-कर्मचारी काम करते हैं। राज्य के अन्य हिस्सों में भी इस तरह के सेंट्रल किचन खोलने की योजना है।

एक घंटे में 20 हजार रोटियां

इस सेंट्रल किचन में सब्जी काटने से रोटी तैयार करने तक सब काम मशीनें करती हैं। यहां लगाई गई आधुनिक रोटी मेकर मशीन एक घंटे में 20 हजार रोटियां तैयार करती है और अंडे उबालने के लिए भी मशीन का उपयोग किया जाता है। इस मशीन द्वारा सिर्फ 12 मिनट में एक साथ 600 अंडे उबाल लिए जाते हैं। बच्चों को हर रोज 7 हजार अंडे दिए जाते हैं। लेकिन रोटी बनाने के लिए मशीन पर निर्भरता कभी-कभी बच्चों को भारी पड़ जाती है। जब कभी यह मशीन खराब होती है, तो बच्चे रोटी से वंचित हो जाते हैं। उन्हें चावल से ही काम चलाना पड़ता है।

Similar News