'युवा कहानीकार अच्छा लेखन कर रहे हैं, उन्हें मिनिंगफुल फिल्म दिखाना जरूरी'

'युवा कहानीकार अच्छा लेखन कर रहे हैं, उन्हें मिनिंगफुल फिल्म दिखाना जरूरी'

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-16 14:14 GMT
'युवा कहानीकार अच्छा लेखन कर रहे हैं, उन्हें मिनिंगफुल फिल्म दिखाना जरूरी'

डिजिटल डेस्क, नागपुर। युवा कथाकार अच्छा लेखन कर रहे हैं और उनके पाठक भी हैं। युवाओं को जोड़ने के लिए उन्हें व्यावसायिक सिनेमा से अलग अर्थपूर्ण सिनेमा दिखाया जाना चाहिए। ये विचार मशहूर कथाकार मनोज रूपड़ा ने व्यक्त किए। वे आइडिया ऑफ इंडिया पर केंद्रित पहला नागपुर फिल्म फेस्टिवल ‘प्रतिरोध का सिनेमा’ के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि युवाओं को मीनिंगफुल सिनेमा दिखाने के लिए फिल्म फेस्टिवल बेहतर माध्यम है।

वहीं युवाओं को सांस्कृतिक कार्यकमों के दौरान भी अर्थपूर्ण सिनेमा दिखाया जाना चाहिए। अच्छी कहानी लिखने के लिए बेहतर माहौल की आवश्यकता होती है। कई हिंदी कथाकार उभर रहे हैं। ज्ञात रहे कि आइडिया ऑफ इंडिया पर केंद्रित पहला नागपुर फिल्म फेस्टिवल ‘प्रतिरोध का सिनेमा’ का आयोजन धनवटे नेशनल कॉलेज, कांग्रेस नगर में शुक्रवार से शुरू हुआ। कहानीकार मनोज रूपड़ा ने फिल्म फेस्टिवल का उद्घाटन किया।  शाम 5 से 6 बजे तक प्रतिरोध का संगीत प्रस्तुत हुआ। फीचर फिल्म "गर्म हवा" भी शाम को प्रदर्शित की गई। आयोजक बसंत त्रिपाठी ने बताया कि हम फिल्म फेस्टिवल में सिलेक्टेड फिल्में दिखा रहे हैं।

34 भारतीय व  विदेशी फिल्मों का प्रदर्शन
तीन दिवसीय आयोजन में 34 भारतीय व  विदेशी फिल्मों का प्रदर्शन किया जा रहा है।  इन फिल्मों पर शीर्षस्थ फिल्मकार सबा दीवान, राहुल राय, यूसुफ सईद, सत्या राय, नागपाल और पुलोमा पाल दर्शकों से चर्चा करेंगे।  इसका आयोजन धनवटे नेशनल कॉलेज, दक्षिणायन, राष्ट्रभाषा परिवार, प्रगतिशील लेखक संघ, कलश तिरपुडे मित्र संस्था और इप्टा के संयुक्त तत्वावधान में  किया जा रहा है। तीन दिवसीय फिल्म फेस्टिवल में चुनिंदा फिल्में दिखाई जा रही हैं। प्रमोद मुनघाटे, डॉ. सुनील घुलाक्षे, बबन नखाले, अरुणा सबाने, प्रकाश चंद्रायन, संगीता महाजन, सुंपाथों भट्टाचार्य, बसंत त्रिपाठी, किरण खोडे, निनाद नागरकर, रूपेश पवार, शांतनु श्रीवास्तव आदि नागपुर में पहली बार इस तरह के फिल्म फेस्टिवल का आयोजन कर रहे हैं।

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