सिंचाई घोटाला : रिटायर्ड जजों की समिति गठित करने पर हो सकता है निर्णय ,अगली सुनवाई 23 अगस्त को 

सिंचाई घोटाला : रिटायर्ड जजों की समिति गठित करने पर हो सकता है निर्णय ,अगली सुनवाई 23 अगस्त को 

Anita Peddulwar
Update: 2018-08-03 10:36 GMT
सिंचाई घोटाला : रिटायर्ड जजों की समिति गठित करने पर हो सकता है निर्णय ,अगली सुनवाई 23 अगस्त को 

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में सिंचाई घोटाले पर केंद्रित जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट के आदेश अनुसार जलसंपदा विभाग के सह-सचिव ने विविध प्रकल्पों में हुए भ्रष्टाचार में अब तक हुई जांच की स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कोर्ट को बताया कि, सरकार गोसीखुर्द, घोड़ाझरी और अन्य सिंचाई प्रकल्पों के भ्रष्टाचार के मामले में सितंबर माह के अंत तक विभागीय जांच पूरी कर लेगी। 19 जुलाई तक विभाग के पास कुल 5 अभियोजन के मामले अनुमति के लिए लंबित थे, जिसमें से 2 को अनुमति दे दी गई है। शेष 3 राज्य विधि व न्याय विभाग की सलाह के लिए भेजे गए हैं, एक माह के भीतर इन पर भी निर्णय ले लिया जाएगा।

उन्होंने बताया है कि, विभाग ने विविध सिंचाई प्रकल्पों में हुए भ्रष्टाचार पर विभागीय जांच बिठा दी है। एक भी अधिकारी को बख्शा नहीं गया है। कोर्ट ने सिंचाई घोटाले की जांच पर नजर रखने के लिए सेवानिवृत्त जजों की समिति गठित करने की तैयारी की थी, इस पर अब अगली सुनवाई को निर्णय होगा। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 23 अगस्त को रखी है। 

भरपाई पर भी विचार 
कथित तौर पर 70 हजार करोड़ के इस भ्रष्टाचार में नुकसान भरपाई पर भी हाईकोर्ट गंभीर हुआ है। नुकसान भरपाई घोटाले में लिप्त अधिकारियों से निजी तौर पर की जाए या फिर समूचे विभाग से ही यह रकम वसूली जाए, इस पर कोर्ट अगली सुनवाई में फैसला सुनाएगा। साथ ही राज्य सरकार के सेवानिवृत्ति नियम के अनुसार किसी भी सरकारी अधिकारी-कर्मचारी की सेवानिवृत्त के चार साल बाद उस पर भ्रष्टाचार का कोई मामला दर्ज नहीं किया जा सकता। इस नियम की आड़ में सिंचाई घोटाले में लिप्त जो सरकारी अधिकारी-कर्मचारी बच निकले हैं, उसकी जिम्मेदारी किसकी है, इस पर भी कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है। 

दो माह में पूरा करना है ट्रायल
पूर्व में कोर्ट ने सिंचाई घोटाले से जुड़े प्रकरण में निचली अदालत में हर रोज सुनवाई कर दो माह में ट्रायल पूरा करने के आदेश दिए थे। साथ ही भ्रष्टाचार में हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई पर भी मंथन शुरू किया है। सुनवाई में पुलिस महासंचालक (एसीबी) विवेक फणसालकर ने विदर्भ के विविध सिंचाई घोटाले की जांच से जुड़ी जानकारी हाईकोर्ट में प्रस्तुत की। कोर्ट को बताया कि अब तक इस मामले में कुल 19 एफआईआर दर्ज की गई हैं। अब तक कोर्ट में दो चार्जशीट प्रस्तुत की गई हैं और दो चार्जशीट प्रस्तुत करने के लिए सरकार की अनुमति लंबित है।

फिलहाल एसीबी कुल 43 सिंचाई प्रकल्पों की जांच कर रही है। इसमें दस्तावेजों की संख्या बड़ी है। इसलिए एसीबी को कम से कम 6 महीने का और समय चाहिए। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एड. फिरदौस मिर्जा और एड. श्रीधर पुरोहित ने पक्ष रखा।

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