‘संसार के सुख इंद्रियजन्य और कुछ क्षण के लिए ही’ मन को स्थिर रखना जरूरी- सुवीरसागर

‘संसार के सुख इंद्रियजन्य और कुछ क्षण के लिए ही’ मन को स्थिर रखना जरूरी- सुवीरसागर

Anita Peddulwar
Update: 2019-11-21 06:47 GMT
‘संसार के सुख इंद्रियजन्य और कुछ क्षण के लिए ही’ मन को स्थिर रखना जरूरी- सुवीरसागर

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  संसार के सुख इंद्रियजन्य सुख है। कुछ क्षण के लिए ही होता है। अनंत सुख, अनंत ज्ञान, अनंत वीर्य आदि आत्मा के गुण है। एक बार प्राप्त हो गए, तो वह निरंतर रहते हैं। यह उद्गार तपस्वी सम्राट आचार्य सन्मतिसागर के शिष्य आचार्य सुवीरसागर ने अपने प्रवचन में श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर सदर में व्यक्त किए। आचार्यश्री ने कहा कि मुनिराज एकांत में ध्यान करते हैं। अपने आप एकत्व का चिंतन करते हैं, तो आनंद आता है। चिंता ही दुःख को आमंत्रित करती है और चिंतन से दुःख भाग जाता है। मन को स्थिर करना है, तो उसकी सामग्री जुटानी पड़ेगी। साथ में कीमती सामान हो, तो डर लगता है।

मोह मत करो, राग-द्वेष भी मत करो। चित्त स्थिर करना चाहते हो, तो मन को स्थिर करो। राग-द्वेष परिणति चित्त को घुमा देती है। इसलिए घोर आरंभ परिग्रह का त्याग करना होगा। आरंभ परिग्रह है, तो चिंता बनी रहती है। दीप प्रज्वलन एवं चरण प्रक्षालन भरत सरैया, चातुर्मास कमेटी के कार्याध्यक्ष सतीश पेंढारी जैन, महामंत्री पंकज बोहरा, देवेंद्र विनायके, हुकुमचंद सेठी, अजय कासलीवाल, अरुण पाटोदी, गोकुलचंद जैन, उपमंत्री दिनेश जैन, सुधीर सावलकर, संतोष जैन  ने किया। मंगलाचरण हुकुमचंद सेठी ने गाया। जिनवाणी भेंट महिला मंडल ने की। अशोककुमार अजमेरा, सनत जैन, महेंद्र जैन, अनूप जैन, प्रचार-प्रसार मंत्री हीराचंद मिश्रीकोटकर उपस्थित थे।  21 नवंबर को सुबह श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर, सदर में 8.30 बजे प्रवचन, दोपहर 3.00 बजे स्वाध्याय, 6 बजे आरती गुरुभक्ति, रात 9 बजे वैयावृत्ति होगी।  सदर दिगंबर जैन मंदिर कमेटी के महामंत्री हुकुमचंद सेठी ने श्रद्धालुओं से उपस्थिति की अपील की है।

आचार्यश्री का कल विहार
22 नवंबर को आचार्यश्री सुवीरसागरजी ससंघ का सदर से सुबह 7 बजे श्री पार्श्वनाथ गृहचैत्यालय, नितीन महाजन, ए टॉवर, 1608 की ओर बाजे-गाजे के साथ विहार होगा। 24 नवंबर को आचार्य सुवीरसागर महाराज का 15 वां दीक्षा दिन महोत्सव भक्तों द्व्रारा अहिंसा भवन, इतवारी में दोपहर 1 बजे मनाया जाएगा। कार्यक्रम का आयोजन सकल दिगंबर जैन समाज द्व्रारा किया गया है। 1 दिसंबर को आचार्य संघ का पिच्छी परिवर्तन का कार्यक्रम होगा। 25 दिसंबर से 1 जनवरी 2020 तक श्री पार्श्वोदय तीर्थ नागठाणा में पहली बार भव्य सिद्धचक्र मंडल विधान होगा। पावन सान्निध्य आचार्यश्री सुवीरसागर ससंघ का रहेगा। आयोजक सुवीर संस्कार मंच, नागपुर के अंतर्गत श्री पार्श्वोदय दिगंबर जैन तीर्थ समिति नागठाणा है।

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