न्याय व्यवस्था पर विश्वास बनाए रखना जरूरी: मोइली

न्याय व्यवस्था पर विश्वास बनाए रखना जरूरी: मोइली

Anita Peddulwar
Update: 2018-01-16 05:29 GMT
न्याय व्यवस्था पर विश्वास बनाए रखना जरूरी: मोइली

 

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सुप्रीम कोर्ट के जजों ने जिस तरह से आपसी मतभेद सार्वजनिक किए हैं वह सही नहीं है।  न्याय व्यवस्था पर विश्वास बनाए रखना जरूरी है। उक्त उद्गार पूर्व केंद्रीय मंत्री व संसद की वित्त समिति के अध्यक्ष वीरप्पा मोइली ने व्यक्त किए।  मोइली ने यह भी कहा कि कम समय में अधिक रकम लौटाने का झांसा देकर वित्तीय गड़बड़ी करनेवाली संस्थाओं पर नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार विधेयक लाने की तैयारी कर रही है। किसानों की आत्महत्या से लेकर कृषि उपज को योग्य भाव मिलने के लिए सर्वसमावेशक रिपोर्ट तैयार की गई है। सोमवार को केंद्र सरकार की वित्त समिति के सदस्य सांसद अजय संचेती के निवास स्थान पर मोइली ने पत्रकारों से चर्चा की। समिति सदस्य भातृहरी महताब, निशिकांत दुबे ने भी चर्चा में हिस्सा लिया। वित्त समिति ने नागपुर में राष्ट्रीय प्रत्यक्ष कर अकादमी में जाकर प्रशिक्षण प्रणाली की जानकारी ली।  समिति मंगलवार को मुंबई में सेबी व आयुर्वीमा महामंडल में जाकर चर्चा करनेवाली है। समिति के 31 में से 10 सदस्य नागपुर पहुंचे थे। सदस्यों में बंडारू दत्तात्रेय, चंद्रकांत खैरे, शिवकुमार उदासी, महेंद्र प्रसाद, पी.सी गड्डीगौडर, व्यंकटेश बाबू शामिल थे। 

चिट-फंड में फंसी है बड़ी राशि 
माेइली ने कहा कि चिट फंड व बहुस्तरीय निवेशक कंपनियों में सामान्य जनता का बड़ा धन फंसा है। चिट फंड की धोखाधड़ी पर नियंत्रण नहीं है। इस संबंध में वित्त समिति ने केंद्र सरकार को रिपोर्ट दी है। उस रिपोर्ट के अनुरूप सरकार विधेयक लाने की तैयारी कर रही है। मोइली ने यह भी बताया कि बैंकों से कर्ज लेकर दिवालिया बननेवालों पर नियंत्रण के लिए भी कानून बना है। पहले नियंत्रण की ठोस प्रक्रिया नहीं थी। अब कानून का परिणाम दिखने लगा है। 

कर्ज व किसान मामलों का भी निकलेगा हल 
मोइली ने बताया कि कर्ज व किसान पर संकट के मामले को लेकर भी ठोस उपाय योजना की जा रही है। सूखा व कर्ज के दुष्चक्र में किसान फंसे हैं। किसान आत्महत्या थमी नहीं है। िकसी राज्य में कर्ज माफ करने या अन्य सुविधाएं देने से किसान संकट से दूर नहीं हो पाएंगे। कृषि उपज, सिंचाई, फसल बीमा के मामले में सर्वसमावेशक नीति लाने की आवश्यकता है। पी.वी. नरसिम्हाराव के कार्यकाल में केंद्र सरकार ने आर्थिक सुधार का दूसरा चरण आरंभ किया था। आर्थिक सुधार की प्रक्रिया चल ही रही है। जीएसटी कानून सहमति से अमल में लाया गया। उसका परिणाम मिलने में 5 वर्ष लगेगा। 

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