World Environment Day: 1973 में इस कांसेप्ट के साथ हुई थी शुरुआत

World Environment Day: 1973 में इस कांसेप्ट के साथ हुई थी शुरुआत

Bhaskar Hindi
Update: 2017-06-05 05:37 GMT
World Environment Day: 1973 में इस कांसेप्ट के साथ हुई थी शुरुआत

टीम डिजिटल, नई दिल्ली. आज 5 जून को पूरे विश्व में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है। ऐसा दिवस जो पूरे विश्व में मनाया जाता है. यह एक ऐसा दिवस है जो पूरे विश्व में मनाया जाता है. विभिन्न देशों की सरकारें पर्यावरण को बचाने के लिए कई तरह की योजनाएं चला रहे हैं. फिर भी ग्लोबल वार्मिंग का खतरा बना हुआ है. इस दिन के बारे में कुछ खास ऐसी बातें हैं जो शायद ही आप जानते होंगे. यहां हम आपको पर्यावरण दिवस के अवसर पर इस दिन की विशेषताओं के बारे में बताने जा रहे हैं...

इसे पहली बार 1973 में कुछ खास कॉन्सेप्ट्स के साथ केवल धरती विषय के साथ मनाया गया. इसके बाद 1974 से दुनिया के अलग अलग शहरों में विश्व पर्यावरण दिवस की मेजबानी की जा रही है. इस सम्मेलन में भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पर्यावरण की बिगड़ती स्थिति एवं उसका विश्व के भविष्य पर प्रभाव विषय पर व्याख्यान दिया था.अन्तराष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण सुरक्षा की तरफ ये भारत का पहला कदम माना जाता है. इसलिए ये दिन भारत के लिए भी विशेष महत्वपूर्ण माना जाता है.

1972 में संयुक्त राष्ट्र में 5 से 16 जून तक मानव पर्यावरण पर शुरू हुए सम्मेलन संयुक्त राष्ट्र आम सभा और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के द्वारा कुछ प्रभावकारी अभियानों को चलाने के लिए विश्व पर्यावरण दिवस की स्थापना हुई. इसी सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) का जन्म हुआ. इसलिए आज के दिन यानि 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाते हैं. पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 19 नवंबर 1986 से पर्यावरण संरक्षण अधिनियम लागू हुआ. उसके जल, वायु, भूमि - इन तीनों से संबंधित कारक तथा मानव, पौधों, सूक्ष्म जीव, अन्य जीवित पदार्थ आदि पर्यावरण के अंतर्गत आते हैं.

कब-कब क्या-क्या 
1974 केवल एक दुनिया संयुक्त राज्य अमेरिका
1975 मानव निपटान ढाका, बांग्लादेश
1976 पानी: जीवन हेतु महत्वपूर्ण संसाधन कनाडा
1977 ओजोन परत पर्यावरण संबंधी चिंता; भूमि हानि और मृदा क्षरण बांग्लादेश
1978 बिना विनाश के विकास बांग्लादेश
1979 हमारे बच्चों के लिए एक ही भविष्य है - बिना विनाश के विकास बांग्लादेश
1980 नई सदी की नई चुनौती: बिना विनाश के विकास बांग्लादेश
1981 भूजल; मानव खाद्य श्रृंखला में जहरीले रसायन बांग्लादेश
1982 दस साल बाद स्टॉकहोम (पर्यावरण संबंधी चिंता का नवीकरण) बांग्लादेश
1983 खतरनाक अपशिष्ट प्रबंधन और निपटान: अम्लीय वर्षा और ऊर्जा बांग्लादेश
1984 बंजरता बांग्लादेश
1985 युवा: जनसंख्या और पर्यावरण पाकिस्तान
1986 शांति के लिए एक पेड़ कनाडा
1987 पर्यावरण और शरण: एक छत से ज्यादा केन्या

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