एनिमल एक्सपोर्ट से जैन समाज नाराज, नागपुर में निकाला मार्च, मुंबई में विधायक लोढा-शायना एनसी राज्यपाल से मिले

एनिमल एक्सपोर्ट से जैन समाज नाराज, नागपुर में निकाला मार्च, मुंबई में विधायक लोढा-शायना एनसी राज्यपाल से मिले

Anita Peddulwar
Update: 2018-06-29 08:51 GMT
एनिमल एक्सपोर्ट से जैन समाज नाराज, नागपुर में निकाला मार्च, मुंबई में विधायक लोढा-शायना एनसी राज्यपाल से मिले

डिजिटल डेस्क, नागपुर। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु, सड़क परिवहन मंत्री नितीन गड़करी, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने आश्वस्त किया है कि महाराष्ट्र से पशुधन के निर्यात के फैसले पर सरकार पुनर्विचार करेगी। भाजपा के वरिष्ठ विधायक मंगल प्रभात लोढ़ा को सरकार ने यह आश्वासन दिया है। शनिवार को नई दिल्ली में विधायक लोढ़ा केंद्रीय वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु के साथ अहिंसा व पर्यावरण से जुड़ी सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों की बैठक करेंगे।

शुक्रवार को भाजपा विधायक लोढा और प्रदेश भाजपा की कोषाध्यक्ष शायना एनसी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल सी विद्यासागर राव से मुलाकात कर ज्ञापन सौपा। राज्यपाल ने इस मामले में राज्य सरकार से बात करके उपयुक्त हल निकालने का आश्वासन दिया है। विधायक लोढ़ा ने तीनों केंद्रीय मंत्रियों से निवेदन किया है कि यदि पशुधन के निर्यात की यह योजना कार्यान्वित हुई, तो 50 साल की पशुधन को बचाने की लड़ाई ही समाप्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत में पशुधन को एक व्यावसायिक उत्पाद के रूप में निर्यात किए जाने की यह पहली योजना है, जो विदेशों में कत्ल के लिए भेजे जाने को प्रेरित करेगी। लोढ़ा ने वित्त मंत्री मुनगंटीवार से भी मुलाकात कर महाराष्ट्र से पशुधन के निर्यात की योजना पर सरकार से रोक लगाने की मांग की।

जैन समाज ने संघ मुख्यालय पर निकाला मोर्चा, नागपुर बंद करने की दी चेतावनी

इधर उपराजधानी नागपुर में शुक्रवार को संघ मुख्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन करते हुए सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। बता दें कि नागपुर एयरपोर्ट से 30 जून को भेड़-बकरियों की पहली खेप रवाना होने वाली है। जैन चेतना मंच और सकल जैन समाज ने इसका विरोध करते हुए मोर्चा निकाला। समाज के पदाधिकारियों ने सरकार के इस फैसले को परंपरा के विरोध बताया। जैन समाज का कहना है कि संतरा नगरी की पहचान संतरों को लेकर है, लेकिन सरकार अब यहां से भेड़-बकरियां निर्यात कर इस शहर का नाम बदलने की कोशिश कर रही है। समाज ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने अपना फैसला वापस नहीं लिया तो शनिवार 30 जून को नागपुर बंद रखा जाएगा और एयरपोर्ट जाकर वहां से भेड़-बकरियों को विदेश भेजने से रोका जाएगा।

केंद्र सरकार की पशु निर्यात की इस योजना के तहत पहली खेप में बड़ी संख्या में भेड़ और बकरियों का संयुक्त अरब अमीरात में निर्यात किया जाना है। महाराष्ट्र से पशुधन के निर्यात को रुकवाने के लिये विधायक लोढ़ा अपनी लंदन यात्रा बीच में छोड़ कर शुक्रवार की सुबह वापस भारत लौटे हैं। लोढ़ा का कहना है कि भेड़ बकरियों से ऊन व दूध का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है, जिसके जरिए किसान की आय बढ़ाई जा सकती है।

30 जून को पहली खेप होगी रवाना
उल्लेखनीय है कि 30 जून को पहली बार नागपुर हवाई अड्डे से शारजाह को भेड़-बकरियों का निर्यात किया जाएगा। नागपुर हवाई अड्डे से तीन माह की अवधि के दौरान लगभग एक लाख भेड़-बकरियों का निर्यात करने की सरकार की तैयारी है। नागपुर स्थित मल्‍टी-मोडल इंटरनेशनल कारगो हब एवं एयरपोर्ट (मिहान), एयर इंडिया, कृषि मंत्रालय और वाणिज्‍य मंत्रालय के संयुक्‍त प्रयासों से यह परियोजना शुरू की जा रही है।  सरकार का कहना है कि पशुधन के निर्यात से उस विदर्भ क्षेत्र के किसान लाभान्वित होंगे, जहां कई किसानों ने आत्‍महत्‍या की है। किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए नये अवसर तलाशने के उद्देश्‍य से इस परियोजना पर काम शुरू करने की बात भी कही जा रही है।

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