कवर्धा : भोरमदेव अभ्यारण में बायसन के शिकार प्रकरण सुलझाने में कवर्धा वन मंडल को मिली बड़ी कामयाबी

कवर्धा : भोरमदेव अभ्यारण में बायसन के शिकार प्रकरण सुलझाने में कवर्धा वन मंडल को मिली बड़ी कामयाबी

Aditya Upadhyaya
Update: 2020-08-06 07:11 GMT
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डिजिटल डेस्क, कवर्धा। 9 ग्रामीणों ने एक बायसन को जीआई तार से बिजली का करंट देकर किया था शिकार आरोपियों के पहचान करने में अचानकमार टाईगर रिजर्व के जर्मन शेफर्ड स्निफर डॉग नेरो की मदद कवर्धा, 05 अगस्त 2020 कवर्धा वनमंडल को कबीरधाम जिले के भारेमदेव वन्य प्राणी अभ्यारण चिल्फी परिक्षेत्र नंदनी टोला में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत अवस्था में मिली वन्यप्राणी गौर या बायसन प्रकरण को महज पांच दिनों में सुलझाने में बड़ी कामयाबी मिली है। इस पूरे प्रकरण को सुलझाने में एक और वन विभाग के अनुभवी अफसरो का मागर्दशन रहा तो वही दूसरी ओर आरोपियों की पहचान करने में अचानकमार टाईगर रिजर्व के जर्मन शेफर्ड स्निफर डॉग नेरो ने भी अपना अहम योगदान दिया है। ग्राम कुमान और नंदनी गांव से 9 ग्रामीणों द्वारा वन्यप्राणी गौर या बायरसन की अवैध शिकार अवैध शिकार की नीयत से जी.आई.विद्युत तार के करंट का उपयोग कर घटना का अंजाम दिया गया था। कवर्धा वन मंडल की टीम द्वारा मंगलवार 4 अगस्त को 9 आरोपियों को आर.एफ.-146 में जी.आई.तार से बिजली का करंट देकर वन्य प्राणी बायसन के अवैध शिकार के अपराध में गिरफ्तार किया गया। वन्य प्राणी (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 9, सह पठित धारा 2(16), धारा 31, 39 एवं 50 तथा भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 26(1) (च) एवं 26(1) (झ) के तहत वन्य प्राणी गौर या बायसन का अवैध शिकार कक्ष क्रमांक आर.एफ.-146, प.स. वृत्त नंदनी टोला, परिक्षेत्र चिल्फी, भोरमदेव वन्य प्राणी अभ्यारण के अंतर्गत दर्ज कर सभी आरोपियों के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया। वन्य प्राणी गौर या बायसन के अवैध शिकार के प्रकरण में सभी नौ आरोपियों को कवर्धा वन मंडल द्वारा चालान कर माननीय न्यायालय, जिला कबीरधाम के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहां से माननीय न्यायाधीश के आदेश द्वारा सभी गिरफ्तार किए आरोपियों को वन विभाग को 14 दिन की रिमांड पर देते हुए हवालात भेज दिया गया। कवर्धा वनमंडल अधिकारी श्री दिलराज प्रभाकर ने बताया कि वन्य प्राणी बायसन के अवैध शिकार में इस्तेमाल की गई सामग्री जी.आई.तार, कुल्हाड़ी, टंगिया, प्लास्टिक बोरा, हंसिया, फरसा, पोटी और कांच की शीशी के साथ-साथ बायसन का सूखा मांस बरामद किए गए। आरोपियों में ग्राम कुमान से तोक सिंह पिता मटुक सिंह, जाति बैगा, उम्र 24 वर्ष है इसके पास से एक नग टंगिया, प्लास्टिक खाली बोरा एक नग, जी.आई.तार एक गुच्छी जब्त किया गया है। इसी प्रकार अन्य आरोपियों में ग्राम नंदनी टोला से इंदर सिंह पिता हीरा सिंह, जाति बैगा, उम्र 33 वर्ष से एक बलुवा, एक खाली थैला, शुद्धू पिता मटुक सिंह, जाति बैगा, उम्र 24 वर्ष, के पास से एक नग खाली थैला, समरथ पिता इंदर सिंह, जाति बैगा, उम्र 24 वर्ष, से 4 नग लकड़ी की खूंटी, मानसिंह पिता अंजोर सिंह, जाति बैगा, उम्र 36 वर्ष,के पास से एक नग फरसा, एक नग हंसिया, जब्त कर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। ग्राम नंदनी टोला से आरोपी समारु (पप्पू) पिता कुंवर सिंह, जाति बैगा, उम्र 25 वर्ष, के पास से कुल्हाड़ी एक नग, जी.आई. तार दो गुच्छी, थैला एक नग, मांस (दोनों पसली), एक नग पोटी, एक नग कांच की शीशी, आरोपी बुद्धन पिता गवटिया, जाति बैगा, उम्र 19 वर्ष, के पास से एक टंगिया, एक गुच्छी जी.आई.तार, आरोपी शामलाल पिता दशरथ, जाति बैगा, उम्र 30 वर्ष के पास से एक नग खाली थैला तथा पवन पिता इतवारी, जाति बैगा, उम्र 19 वर्ष, के पास से आधा बोरी सूखा मांस समाग्री जब्त कर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। नंदनी टोला के जंगल में 29 जुलाई को संदिग्ध परिस्थितियों में बायसन मृत पाया गया था कबीरधाम जिले के कवर्धा वन मंडल के भोरमदेव वन्य प्राणी अभ्यारण, चिल्फी परिक्षेत्र नंदनी टोला, परिसर नंदनी टोला के कक्ष क्रमांक आर.एफ.-146 में 29 जुलाई को एक गौर या बायसन की मृतक अवस्था में पाए जाने की सूचना प्राप्त हुई थी। घटना की जानकारी मिलते ही तत्काल भोरमदेव वन्य प्राणी अभ्यारण अधीक्षक, उप वन मंडल अधिकारी, सहसपुर लोहारा, संबंधित परिक्षेत्र सहायक, परिसर रक्षक तथा वनअमला को रवाना किया गया था। वन मंडल अधिकारी स्वयं भी अविलंब मौके स्थल के लिए रवाना पहुंचे थे। मौके स्थल पर नर बायसन मृतक अवस्था में मिला। तत्काल कार्यवाही करते हुए पी.ओ.आर. अज्ञात व्यक्तियों के नाम से दर्ज किया गया। प्रथम दृष्टि प्रकरण में बिजली के तार से करंट देकर वन्य प्राणियों का अवैध शिकार प्रतीत हुआ। गहन जांच करने अचानकमार टाईगर रिजर्व लोरमी से स्निफर डॉग स्क्वायड की मदद, वन विभाग की पांच सदस्यी टीम बनी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन करते हुए कुमान, नंदिनी तथा अन्य 3 ग्रामों में पता-साजी और गहन जांच करने के लिए वन विभाग की 5 टीमों का गठन कर किया गया था।

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