खोवा के लिए देशभर में मशहूर के अमरावती का कोकरु गांव

खोवा के लिए देशभर में मशहूर के अमरावती का कोकरु गांव

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-21 06:35 GMT
खोवा के लिए देशभर में मशहूर के अमरावती का कोकरु गांव

डिजिटल डेस्क,अमरावती। अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए सतपुड़ा की पर्वत श्रृंखला पूरे देश में प्रसिद्ध है। इसी तरह आमझरी समीप कोकरु नामक गांव खोवे के लिए दूरदराज इलाकों तक मशहूर है।मेलघाट आदिवासी इलाके में आने वाला कोकरु ग्राम सातपुडा की गहरी घाटियों के बीच बसा हुआ है। यहां पर जाने के लिए सैलानियों को करीब 9 किमी की घाटियों वाला मार्ग पार करना पड़ता है।

आमझरी समीप कोकरु नामक इस छोटे से गांव में आदिवासियों के 20 से 25 परिवार रहते हैं। सभी लोगों का पारंपरिक व्यवसाय खोवा बनाना है। खास बात यह है कि यहां गौधन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है और यहां के निवासियों को गौवंश का महत्व अच्छी तरीके से पता है। गौवंश की सेवा कर उससे मिलने वाले दूध से दही, घी सहित कई प्रकार की चीजें बनाई जाती हैं। विशेष रूप से यहां बनने वाला खोवा चिखलदरा, परतवाड़ा, अचलपुर सहित कई शहरों में जाता है। यहां के लोगों का यह पारंपारिक व्यवसाय होने के साथ ही पूरे परिवार के लोग इस व्यवसाय में एक-दूसरे का हाथ बंटाते है। एक ओर मेलघाट की प्राकृतिक खुबसूरती से भरे अद्भुत नजारे, जमीन से जुड़े वहां के लोग और ऐसे में उन लोगों के हाथ से प्राकृतिक तरीके से बनाए गए खोवे के स्वाद की भी अपनी अलग विशेषता रखता है। इस खोवे से बनी मिठाईयां अपने आप में एक अलग स्वाद देती हैं।

सभी करते हैं मदद
कोकरु गांव में रहने वाले परिवार के छोटे-छोटे बच्चे भी अपने माता-पिता के काम में सहयोग देते हैं। खोवा बनाने की प्रक्रिया में बच्चे भी आग की गर्म लपटों को सहते हुए खोवा घोटने का काम बखूबी करते हैं। कोकरु गांव में ज्यादातर परिवार खोवा बनाने के साथ-साथ दूध बिक्री पर भी जोर देते है। यहां दूध केवल 10 रुपए में मिल जाता है। इस दूध में किसी भी तरह की मिलावट नहीं होती। इस दूध की ताजगी सैलानियों को तरोताजा करती है। 
 

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