जानिए - इस उद्यान पर क्यों छिड़ा है विवाद, 1991 में कांग्रेसी मंत्री ने किया था उद्घाटन

पुणे जानिए - इस उद्यान पर क्यों छिड़ा है विवाद, 1991 में कांग्रेसी मंत्री ने किया था उद्घाटन

Tejinder Singh
Update: 2021-10-04 14:11 GMT
जानिए - इस उद्यान पर क्यों छिड़ा है विवाद, 1991 में कांग्रेसी मंत्री ने किया था उद्घाटन

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पुणे में महानगर पालिका के एक उद्यान का 30 साल पहले दिया गया नाम आजकल विवादों में है। दरअसल उद्यान को साध्वी सावित्रीबाई फुले का नाम दिया गया है। 4 जनवरी 1991 को तत्कालिन कांग्रेस सरकार में सार्वजनिक निर्माणकार्य मंत्री विजयसिंह मोहिते पाटील के हाथों उद्यान का नामकरण और उद्धाटन हुआ था। इससे जुड़ी नाम पट्टिका में भी उद्यान का नाम साध्वी श्रीमती सावित्रीबाई फुले ही लिखा गया है। लेकिन अब कुछ राजनीतिक संगठन इसका विरोध कर रहे हैं। उनका दावा है कि समाज के लिए आदर्श लोगों के नाम के साथ हिंदुत्ववादी विशेषण लगाकर उनका धार्मिककरण गलत है। समता सैनिक दल और प्रकाश आंबेडकर की वंचित बहुजन आघाड़ी ने सावित्री बाई के नाम के आगे साध्वी लगाने का विरोध किया। वंचित बहुजन आधाडी के महाराष्ट्र उपाध्यक्ष और प्रवक्ता सिद्धार्थ मोकले ने कहा कि हमें पहले इस नाम के बारे में जानकारी नहीं थी लेकिन अगर यह कांग्रेस के कार्यकाल में हुआ है तो भी गलत है। पिछले 20-30 सालों में राष्ट्रीय राजनीति में जो धर्मांधता फैलाई गई उसमें कुछ साध्वियां आगे थी इसलिए साध्वी शब्द को लेकर नकारात्मक भाव पैदा हो गया है। इसके अलावा जिसने पूरी जिंदगी धार्मिक आधार पर भेदभाव का विरोध किया और उसके खिलाफ लड़ीं उनके नाम के आगे किसी धार्मिक शब्द को जोड़ना उनका अपमान है।

वहीं नाराज समता सैनिक दल ने ढोले पाटील क्षेत्रीय कार्यालय के पास स्थित उद्यान की नाम पट्टिका के आगे लिखा साध्वी शब्द पर रंग पोत दिया है। समता सैनिक दल के मुताबिक सावित्रीबाई फुले ने सभी धर्म की छात्राओं को ज्ञान दिया इसलिए उनके नाम के आगे धार्मिक प्रतीक का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। हमने पुणे महानगर पालिका को ज्ञापन सौंपा है और सावित्री बाई फुले के नाम के आगे क्रांतिज्योति या ज्ञानज्योति लगाने की मांग की है। मामले के राजनीतिक रंग लेने के बाद पुणे महानगर पालिका के अधिकारी इस बारे में कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं।  

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