देश की नामी संस्था वीएनआईटी में टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ का भारी टोटा

 देश की नामी संस्था वीएनआईटी में टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ का भारी टोटा

Tejinder Singh
Update: 2019-06-16 13:32 GMT
 देश की नामी संस्था वीएनआईटी में टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ का भारी टोटा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। देश की नामी संस्था विश्वेश्वरय्या राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी संस्थान (वीएनआईटी) में टीचिंग एण्ड नान टीचिंग स्टाफ के 288 पद कई सालों से खाली पड़े होने का खुलासा आरटीआई में हुआ है। इस संस्थान में जहां एडमिशन लेने के लिए विद्यार्थी लालायित रहते है, वहीं पिछले तीन साल में यहां विद्यार्थियों की 300 सीटें खाली रही है। वीएनआईटी देश का नामी संस्थान होने के अलावा यहां देश भर से विद्यार्थी पढ़ने के लिए आते है। यहां राष्ट्रीय स्तर पर मेरीट के आधार पर प्रवेश मिलता है। वीएनआईटी से पास आउट विद्यार्थी को जॉब मिलने की संभावना बढ़ जाती है। कई कंपनियां यहां आकर प्लेसमेंट करके विद्यार्थियों को जॉब आफर करती है। यहां से पास आउट विद्यार्थी को जॉब में पैकेज भी ठीक-ठाक ही मिलता है। वीएनआईटी में टीचिंग व नान टीचिंग के कुल मंजूर पद 704 है, जिसमें से यहां 416 का ही स्टाफ कार्यरत है। सपोर्टिंग स्टाफ में जरूर मंजूर पदों से 4 ज्यादा है। कई सालों से यहां 288 पद खाली पड़े है। यहां से पास आउट विद्यार्थियों को जाब में अधिकतम पैकेज 23 लाख 86 हजार व आैसत पैकेज 7 लाख 5 हजार (वार्षिक) मिला है। 2018-19 में इस पैकेज पर जॉब आफर हुए थे। 

श्रेणी                 मंजूर पद    कार्यरत   रिक्त पद

फैकल्टी                335        225        110
नान फैकल्टी          33          20          13
ग्रुप बी स्टाफ        135          43          92
ग्रुप सी स्टाफ       151          74          77
सपोटिंग स्टाफ      50           54         -4

साल      क्षमता    एडमिशन 

2016    1166     1086
2017    1166     1060
2018    1422     1328

           3754       3474

पद खाली रहने का असर पढ़ाई पर 

अभय कोलारकर, आरटीआई एक्टिविस्ट के मुताबिक देश के इस नामी संस्थान में टीचिंग व नान टीचिंग के इतने ज्यादा पद खाली रहने का असर विद्यार्थियों की पढाई पर पढ़ता है। भले ही यहां ठेका पध्दति पर स्टाफ नियुक्त किया जाता हो, लेकिन स्थायी रूप से पदस्थ स्टाफ का सीधा असर विद्यार्थियों पर होता है। स्टाफ की कमी से अध्ययन प्रभावित होने का खतरा बना रहता है। विद्यार्थियों के भविष्य को देखते हुए स्टाफ की कमी तुरंत दूर होनी चाहिए। 

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