एटीकेटी वाले छात्र थर्ड सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल होंगे या नहीं, लार्जर बैंच करेगी सुनवाई

एटीकेटी वाले छात्र थर्ड सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल होंगे या नहीं, लार्जर बैंच करेगी सुनवाई

Bhaskar Hindi
Update: 2021-02-20 10:19 GMT
एटीकेटी वाले छात्र थर्ड सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल होंगे या नहीं, लार्जर बैंच करेगी सुनवाई

कोर्ट की अनुमति के बिना घोषित नहीं होंगे परिणाम
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में एलएलएम फस्र्ट सेमेस्टर में एटीकेटी वाले छात्र थर्ड सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल होंगे या नहीं। इसका फैसला अब हाईकोर्ट की लार्जर बैंच करेगी। इस मामले में दो परस्पर विरोधी फैसलों को देखते हुए जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और जस्टिस वीरेंदर सिंह की डिवीजन बैंच ने सभी याचिकाओं को सुनवाई के लिए लार्जर बैंच को रेफर कर दिया है। डिवीजन बैंच ने छात्रों को राहत देते हुए उन्हें थर्ड सेमेस्टर और एटीकेटी फस्र्ट सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल होने की अनुमति इस शर्त के साथ दे दी है कि उनके परिणाम कोर्ट की अनुमति के बिना घोषित नहीं किए जाएँगे। 
यह है मामला -  यह याचिका रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में एलएलएम के छात्र पूर्वी घमापुर निवासी सुबीर मुखर्जी और गोरखपुर निवासी हविताश्व शर्मा एवं अन्य की ओर से दायर की गई है। याचिका में कहा गया कि उन्होंने वर्ष 2019 में एलएलएम में एडमिशन लिया था। उनकी फस्र्ट सेमेस्टर में एटीकेटी आ गई। कोरोना संक्रमण की वजह से उन्हें सेकेंड सेमेस्टर में जनरल प्रमोशन मिल गया। इसके कारण एलएलएम फस्र्ट सेमेस्टर की एटीकेटी की परीक्षा नहीं हो पाई। इसके लिए याचिकाकर्ता छात्रों की कोई गलती नहीं है। रादुविवि ने उन्हें थर्ड सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल करने से इस कारण इनकार कर दिया गया कि उन्होंने फस्र्ट सेमेस्टर में एटीकेटी की परीक्षा उत्तीर्ण नहीं की है। 
दो परस्पर विरोधी फैसले 
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता आरबी दुबे और पंकज दुबे ने मप्र हाईकोर्ट की डिवीजन बैंच का समृद्धि महावर मामले में पारित निर्णय पेश कर बताया कि एलएलएम थर्ड सेमेस्टर के साथ भी फस्र्ट सेमेस्टर की एटीकेटी की परीक्षा दी जा सकती है। वहीं दूसरी तरफ रादुविवि की ओर मप्र हाईकोर्ट की  डिवीजन बैंच का पूजा सोंधिया के मामले में पारित निर्णय पेश किया गया कि फस्र्ट सेमेस्टर की एटीकेटी की परीक्षा उत्तीर्ण किए बिना थर्ड सेमेस्टर की परीक्षा नहीं दी जा सकती है। दो परस्पर विरोधी फैसलों को देखते हुए डिवीजन बैंच ने मामले को लार्जर बैंच में सुनवाई के लिए रेफर कर दिया है।

 

Tags:    

Similar News