महिलाओं की सुरक्षा को लेकर आंध्रप्रदेश के ‘दिशा’ की तर्ज पर महाराष्ट्र में भी बनेगा कानून

महिलाओं की सुरक्षा को लेकर आंध्रप्रदेश के ‘दिशा’ की तर्ज पर महाराष्ट्र में भी बनेगा कानून

Anita Peddulwar
Update: 2019-12-19 05:29 GMT
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर आंध्रप्रदेश के ‘दिशा’ की तर्ज पर महाराष्ट्र में भी बनेगा कानून

डिजिटल डेस्क, नागपुर। देश में महिला अत्याचार को लेकर मामला गर्माया है। आंध्रप्रदेश सरकार द्वारा दुष्कर्मियों को 21 दिन में सजा देने के लिए बनाए गए ‘दिशा’ कानून की चौतरफा सराहना हो रही है। महाराष्ट्र सरकार भी इसे लेकर उत्साहित है। सरकार ने आंध्र की तर्ज पर महाराष्ट्र में कानून बनाने के सकारात्मक संकेत दिए हैं। विधानपरिषद में गृहमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि महिलाओं पर अत्याचार रोकने, महिला और युवतियां राज्य में मुक्त विचरण कर सकें तथा अपराधियों पर नियंत्रण रहे, इसके लिए राज्य में आंध्रप्रदेश की तर्ज पर ‘दिशा’ जैसा कानून बनाने बाबत राज्य सरकार गंभीर विचार कर रही है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इसे लेकर संवेदनशील हैं। विधि और न्याय विभाग इस संबंध में अन्य संबंधित विभागों से बैठक कर बातचीत करेगा। जल्द से जल्द इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा।  

बदलाव पर जारी है विचार
बुधवार को विधानपरिषद में शिवसेना सदस्य मनीषा कायंदे सहित अनेक सदस्यों ने ध्यानाकार्षण प्रस्ताव के तहत महिला सुरक्षा को लेकर चर्चा उपस्थित की थी। चर्चा का जवाब देते हुए गृहमंत्री शिंदे ने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि  महिलाओं में किसी प्रकार का भय न रहे। प्रत्येक घटक को न्याय देने के लिए सरकार कटिबद्ध है। महिला सुरक्षित व मुक्त विचरण कर सके, इसके लिए अस्तित्व में नियम और कानून को कठोरता के साथ लागू किया जाएगा। कम से कम समय में महिला अत्याचार के मामलों की छानबीन कर अपराधियों को सजा मिले, इसके लिए आंध्रप्रदेश के दिशा कानून बाबत जानकारी ली है। इस तरह का कानून बनाने के लिए मौजूदा कानून में क्या बदलाव की जरूरत है, इस संबंध में विधि व न्याय विभाग से सलाह लेकर कार्यवाही की जाएगी। श्री शिंदे ने कहा कि इस तरह के मामलों का तेजी से निपटारा हो, इसके लिए राज्य में 25 विशेष न्यायालय और 27 फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना की गई है। 

30 विशेष न्यायालय 
केंद्र ने महाराष्ट्र के लिए नाबालिगों पर अत्याचार के मामलों के लिए 30 विशेष न्यायालय और महिला अत्याचार संबंधित मामलों के लिए 108 विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट की हाल में मंजूरी दी है। साइबर अपराध की रोकथाम के लिए राज्य में 47 में से 43 पुलिस थाने कार्यान्वित किए गए हैं। साइबर क्राइम विभाग के 164 जगहों को दो महीने में भरे जाएंगे। विधानपरिषद उपसभापति नीलम गोर्हे ने महिला पर अत्याचार रोकने के लिए उपाय योजना संबंध में समीक्षा बैठक उपसभापति के कक्ष में आयोजित करने के निर्देश दिए। चर्चा में विरोधी पक्ष नेता प्रवीण दरेकर, सदस्य डॉ.रणजीत पाटील, अंबादास दानवे, सुरेश धस, प्रवीण पोटे-पाटील, पृथ्वीराज देशमुख, जोगेंद्र कवाड़े, रवींद्र फाटक, गिरीश व्यास, विलास पोतनिस, एड. हुस्नबानू खलिफे, विद्या चव्हाण आदि ने हिस्सा लिया। 
 

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