हंगामेदार रहा बजट सत्र का दूसरा दिन : कर्जमाफी पर भाजपा आक्रामक

हंगामेदार रहा बजट सत्र का दूसरा दिन : कर्जमाफी पर भाजपा आक्रामक

Tejinder Singh
Update: 2020-02-25 12:43 GMT
हंगामेदार रहा बजट सत्र का दूसरा दिन : कर्जमाफी पर भाजपा आक्रामक

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधानमंडल के बजट सत्र का दूसरा दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ गया। किसान कर्जमाफी और उन्हें मुआवजा देने की मांगों के लेकर भाजपा का आक्रामक रुख दोनों सदनों में बरकरार रहा। इसके चलते विधानसभा और विधानपरिषद की कार्यवाही 2-2 बार के लिए स्थगित की गई। हंगामा जारी रहा तो कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। किसानों के मुद्दे पर आक्रामक रुख अपनाते हुए विभानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जिस रफ्तार से कर्जमाफी चल रही है सभी किसानों तक इसका लाभ पहुंचने मंे 460 महीने लग लाएंगे। कर्जमाफी के साथ-साथ विपक्ष महिला अत्याचारों के मुद्दे पर भी चर्चा की मांग कर रहा था। मंगलवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते फडणवीस ने प्रश्नोत्तर स्थगित कर नियम 57 के तहत किसान कर्जमाफी और महिला अत्याचार के मुद्दे पर चर्चा की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार ने दो महीने बाद कर्जमाफी का लाभ हासिल करने वाले 15 हजार किसानों की सूची जारी की है। अगर इसी रफ्तार से काम होता रहा तो 35 लाख किसानों के कर्ज माफ करने में 460 महीने लग जाएंगे। फडणवीस ने कहा कि बुलढाणा के साखली गांव की आबादी 18 हजार है जिसमें 1821 किसान हैं। लेकिन कर्जमाफी की सूची में सिर्फ 193 किसानों के नाम हैं। मेरे पास ऐसे कई उदाहरण हैं। फडणवीस ने कहा कि कर्जमाफी के नाम पर किसानों के साथ धोखा हो रहा है। उन्होंने कहा कि साल 2019 के अक्टूबर महीने में 94 लाख हेक्टेयर फसल अतिवृष्टि के चलते नष्ट हुई थी लेकिन राज्य सरकार ने सितंबर 2019 तक प्रभावित किसानों की ही मदद का ऐलान किया है। ऐसे में परेशानी झेल रहे हजारों किसान लाभ नहीं हासिल कर पाएंगे। फडणवीस ने सिंचाई और जलआपूर्ति योजनाएं बंद करने को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा। फडणवीस ने कहा कि सरकार और मंत्री किसानों के लिए बड़ी बड़ी घोषणाएं तो कर रहे हैं लेकिन हकीकत में उन्हें फूटी कौड़ी भी नहीं मिल रही है। महिला अत्याचारों के मुद्दे पर भी फडणवीस ने ठाकरे सरकार को घेरा और कहा कि सरकार के सत्ता में आने के बाद महिलाओं पर अत्याचार बढ़े हैं। उन्होंने प्रश्नकाल स्थगित कर इन दोनों मुद्दो पर चर्चा की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने इससे इनकार करते हुए कहा कि प्रश्नकाल भी अहम है। इससे नाराज विपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष के आसान के सामने आकर नारेबाजी शुरू कर दी। शोरशराबे के बीच प्रश्नकाल जारी रहा लेकिन बाद में कार्यवाही 15-15 मिनट के लिए दो बार स्थगित करनी पड़ी। हंगामा जारी रहा तो शोर शराबे के बीच सात विधेयक मंजूर करा सदन का कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।  

Tags:    

Similar News