सिर्फ 10 दिन का होगा विधानमंडल बजट सत्र, नाराज विपक्ष ने किया बैठक का बहिष्कार

सिर्फ 10 दिन का होगा विधानमंडल बजट सत्र, नाराज विपक्ष ने किया बैठक का बहिष्कार

Tejinder Singh
Update: 2021-02-25 15:53 GMT
सिर्फ 10 दिन का होगा विधानमंडल बजट सत्र, नाराज विपक्ष ने किया बैठक का बहिष्कार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना संकट के कारण महाराष्ट्र विधानमंडल का बजट अधिवेशन केवल आठ दिनों का होगा। बजट सत्र 1 मार्च से शुरु होकर 10 मार्च तक चलेगा। जबकि सरकार की ओर से 8 मार्च को साल 2021-22 का बजट पेश किया जाएगा। बजट सत्र की अवधि घटाने पर विपक्षी दल भाजपा ने कड़ा एतराज जताते हुए कामकाज सलाहकार समिति की बैठक का बहिष्कार कर दिया। सरकार की ओर से दावा किया गया कि बैठक खत्म होने के बाद विपक्ष ने बहिर्गमन किया। विपक्ष का बहिर्गमन अधिकृत नहीं है।  

गुरुवार को विधानभवन परिसर में विधानमंडल के दोनों सदनों की कामकाज सलाहकार समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक के दौरान विपक्षी दल भाजपा के तीखे तेवर भी नजर आए। प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री अनिल परब ने कहा कि कोरोना के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। इसलिए सत्र की अवधि कम की गई है। परब ने कहा कि बैठक में विपक्ष ने एक दिन का अधिवेशन बुलाकर लेखानुदान मांग पेश करने और बाद में पूर्णकालिक अधिवेशन आयोजित करने की मांग की। लेकिन सरकार के लिए बजट पेश करना आवश्यक है। अधिवेशन का कामकाज भी पहले से तय है। परब ने कहा कि बैठक खत्म होने के बाद अनौपचारिक चर्चा शुरू थी। इस दौरान एक मुद्दे को आधार बनाकर विपक्ष ने कहा कि हम बहिर्गमन कर रहे हैं लेकिन इसको विपक्ष का अधिकृत बहिर्गमन नहीं कहा जा सकता। क्योंकि बैठक सप्ताह होने की घोषणा पहले ही की जा चुकी थी। परब ने कहा कि सत्र के लिए सरकार कोरोना का बहाना नहीं बना रही है। सरकार की ओर से चार सप्ताह का बजट सत्र चलाने की तैयारी थी लेकिन कोरोना के कारण सत्र की अवधि कम की गई है। 

चर्चा से भाग रही है सरकारः फडणवीस

दूसरी ओर विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हमने बैठक से बहिर्गमन किया है। विपक्ष ने बजट सत्र पूर्णकालिक चलाने की मांग की। लेकिन सरकार बजट की प्रक्रिया भी पूरी नहीं करना चाहती। सरकार ने कोरोना के नाम पर अधिवेशन की अवधि को कम किया है। फडणवीस ने कहा कि बैठक में विपक्ष की ओर से सरकार को लेखानुदान पेश करने का सुझाव दिया गया। कोरोना संकट कम होने के बाद बजट पेश करने का आग्रह किया लेकिन सरकार ने कोरोना का बहाना बनाकर सत्र की अवधि कम करने का फैसला लिया है। फडणवीस ने कहा कि बैठक में हमने कहा कि कोरोना संकट को लेकर सरकार की ओर से जो सलाह दी जा रही है वह केवल विपक्ष के लिए है क्या? सरकार के मंत्रियों के लिए नियम नहीं हैं? जनता के मुद्दे पर चर्चा के लिए सरकार कोरोना का बहाना बना रही है। 

सत्र में किस दिन क्या होगा 

मंत्री परब ने बताया कि 1 मार्च को राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी के अभिभाषण से बजट सत्र की शुरुआत होगी। इसी दिन सरकार सदन में पूरक मांगों का प्रस्ताव पेश करेगी। 2 मार्च को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा होगी। 3 और 4 मार्च को पूरक मांगों के प्रस्ताव पर चर्चा के बाद उसको मंजूर कराया जाएगा। 5 मार्च को विपक्ष का प्रस्ताव, विधेयकों की मंजूरी और गैर सरकारी कामकाज होगा। 6 और 7 मार्च को छुट्टी के कारण कामकाज नहीं होगा। 8 मार्च को बजट पेश किया जाएगा। 9 और 10 मार्च को बजट पर चर्चा के बाद विनियोजन विधेयक पारित कराने के बाद सत्रावसान हो जाएगा।

विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव तय नहीं

राज्य के कई मंत्रियों और सत्ताधारी विधायकों के कोरोना संक्रिमत होने के चलते बजट सत्र में विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होने की संभावना कम नजर आ रही है। कांग्रेस के विधानमंडल दल नेता तथा प्रदेश के राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात ने कहा कि राज्य के कई मंत्री कोरोना संक्रिमत हैं। कई विधायक भी कोरोना की चपेट में हैं। ऐसी स्थिति में विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव करना उचित है या नहीं, इसका फैसला अधिवेशन शुरू होने के बाद विधानसभा में सदस्यों की संख्या देखने के बाद करना पड़ेगा। थोरात ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव को लेकर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को अवगत करा दिया जाएगा। जबकि विपक्ष के नेता फडणवीस ने कहा कि सरकार ने सदन की कार्यसूची पर विधानसभा अध्यक्ष चुनाव कार्यक्रम नहीं दिखाया है। उन्होंने कहा कि सरकार अपने ही विधायकों और मंत्रियों से डर गई है। इसलिए विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव को एजेंडे पर ही नहीं लाया गया। 


 

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