जीवन में ऊंचा मुकाम हासिल करने बुजुर्गों की सीख जरूरी
बागवान जीवन में ऊंचा मुकाम हासिल करने बुजुर्गों की सीख जरूरी
डिजिटल डेस्क, पुसद। जीवन में ऊंचा मुकाम हासिल करने के लिए बुजुर्गों की दी हुई सीख पर चलना चाहिए। परिवार के बिना जीवन की हर खुशी और कामयाबी अधूरी होती है। जिस परिवार में लोग एक-दूसरे के साथ मिल-जुलकर रहते हो वहां सिर्फ प्रेम होता है। संयुक्त परिवार से ही लोगों की प्रतिष्ठा और सम्मान बरकरार रहता है। मुश्किलों में परिवार के सदस्यों का साथ ही हिम्मत देता है। यह कहना है पुसद के कारला मार्ग निवासी गोपालदास अग्रवाल (69) का।
Q 1. आपकी जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण वह कौन-सा पल था जिसमें आपने सफलता पाई और वह किस तरह आनेवाली पीढ़ी का मार्गदर्शन कर सकता है?
पहले मैं किराना दुकान चलाता था। 2007 में किराना दुकान बंद कर नया व्यवसाय शुरू किया। बड़ा बेटा संतोष, पुणे जाकर कंम्प्यूटर का कोर्स कर आया। जिसके बाद मैंने मोबाइल कंप्यूटर की शॉप शुरू की। आज मेरे दोनों बेटे इसी दुकान को संभाल रहे हैं।
Q 2. आपने जिंदगी में जो अनुभव प्राप्त किए है, वे किस तरह भविष्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकते है?
जीवन में मैंने कई उतार-चढ़ाव देखे। लेकिन हार न मानी। जीवन में ईमानदारी और लगन के साथ काम कर आगे बढ़ता रहा। बच्चों को अच्छी शिक्षा आैर संस्कार दिए। आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।
Q 3. अपने शहर, समाज और देश के लिए अब क्या करना चाहते है, आज की पीढ़ी को क्या करने की जरूरत है?
युवा पीढ़ी को शिक्षा के साथ ही सामाजिक कार्यों में भी रूचि लेनी चाहिए। यही कारण है कि हमने पुसद में बड़े बेटे और उसके दोस्तों की मदद से स्कूल की स्थापना की। मेरा बेटा आज इस विद्यालय के उपाध्यक्ष पद पर कार्यरत है।
मैं युवाओं से यही अपील करता हूं कि वे समाजसेवा के लिए आगे आएं। अच्छी आदतों को आत्मसात कर आगे बढ़े। देशसेवा में युवाओं का सहभाग जरूरी है।