इस परिवार का अनोखा संदेश- संयुक्त परिवार ही है सबसे बड़ा धन

बागवान इस परिवार का अनोखा संदेश- संयुक्त परिवार ही है सबसे बड़ा धन

Tejinder Singh
Update: 2021-10-27 13:44 GMT
इस परिवार का अनोखा संदेश- संयुक्त परिवार ही है सबसे बड़ा धन

डिजिटल डेस्क, पुसद। संयुक्त परिवार जितना दुनिया में मूल्यवान कुछ भी नहीं है। हर व्यक्ति परिवार में मिलजुल कर रहना सीख जाए तो या ऐसी सोच रखे तो जीवन में दु:ख, निराशा जैसी कोई बात नहीं रहेगी। प्रेम, सद्भाव से मिलजुल कर साथ रहे यहीं जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि और धन है। यह  कहना है पुसद निवासी तुलसीराम जयस्वाल (66) का।  बड़ा बेटा पढ़ लिखकर दवा कंपनी में एमआर के तौर पर काम करने लगा और छोटा बेटा अपना स्वरोजगार कर अपने पैरों पर खड़ा है। यह मेरे जीवन का अविस्मरणीय पल रहा।

Q-आपकी जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण वह कौन-सा पल था जिसमें आपने सफलता पाई और वह किस तरह आनेवाली पीढ़ी का मार्गदर्शन कर सकता है?

जीवन में काफी संघर्ष किया। दूसरे लोगों की दुकान में नौकरी की। यहां से व्यवसाय की जानकारी और अनुभव प्राप्त किया। जिसके बाद मैने अपनी खुद की छोटीसी किराना दुकान शुरू की। मेहनत और लगन से काम करता रहा। इस दौर में किस्मत ने भी साथ दिया और हम गरीबी से बाहर निकले कुछ ही वर्ष पूर्व पुसद के लोहार लाइन में अपना पक्का मकान का निर्माण कर वास्तु पूजा की और हम नये मकान में रहने आए यह मेरी जीवन की उपलब्धि रही। संघर्ष के दिनों में हौसला नहीं खोना है। सामने आयी मुश्किलों का डटकर सामना करना चाहिए। एक ना एक दिन सफलता जरूर मिलती है। मेरे बेटे और अन्य लोगों को भी मैं यही बात बताता हूं। 

Q-आपने जिंदगी में जो अनुभव प्राप्त किए हंै, वे किस तरह भविष्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हंै?
रोजी-रोटी कमाना गुजारा करना कोई बड़ी बात नहीं है। लेकिन परिवार ने एक साथ भोजन करना, एक चूल्हे पर बना खाना मिलकर खाना मेरी दृष्टि से बड़ी बात है। संयुक्त परिवार जैसी खुशी और कहीं नहीं है। बुढ़ापे में जरूरतंे काफी कम हो जाती है। लेकिन परिवार के सदस्यों ने अपना मान-सम्मान करना चाहिए ऐसी अपेक्षा रहती है। संयुक्त परिवार में एक दूसरे की जरूरत को समझकर चलना होता है। मुश्किल वक्त में परिवार ही सहारा होता है। संयुक्त परिवार में भविष्य बेहतर बनाने की सिख परिवार से ही मिलती है। उसके लिए कहीं और जाने की जरूरत नहीं पड़ती।

Q-अपने शहर, समाज और देश के लिए अब क्या करना चाहतें है, आज की पीढ़ी को क्या करने की जरूरत है?

अपने जीवन मंे स्थीरता प्राप्त करने पर मै शहर और परिसर में हुए सभी धार्मिक, सामजिक कार्यों में जुड़ा रहा। कई परिवार मिलकर समाज बनता है। हम भी इसी परिवार के सदस्य हंै। ऐसा मानकर मुझसे जो बन सकता वह सब कुछ समाज के लिए करने की इच्छा है। अच्छा समाज एक आदर्श नागरिक बनने में सहायता करता है। देश का आदर्श नागरिक अपने साथ देश के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। 

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