मासूम के दुष्कर्मी को आखिरी सांस तक जेल में रहने की सजा

मासूम के दुष्कर्मी को आखिरी सांस तक जेल में रहने की सजा

Bhaskar Hindi
Update: 2019-05-28 09:14 GMT
मासूम के दुष्कर्मी को आखिरी सांस तक जेल में रहने की सजा

डिजिटल डेस्क, सतना। एक दुष्कर्मी को उसके अपराध का एहसास दिलाने के लिए कोर्ट ने उसे अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा से दंडित किया है । 7 वर्षीय मासूम के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को अदालत ने आजीवन जेल की सजा सुनाई है। अमरपाटन के अपर सत्र न्यायाधीश अरविन्द शर्मा की अदालत ने आरोपी पर 50 हजार का जुर्माना भी लगाया है। एजीपी उमेश शर्मा ने अभियोजन का पक्ष रखा। पीआरओ फखरुद्दीन ने बताया कि रामनगर थाना अंतर्गत आरोपी ने मासूम के साथ दुष्कर्म किया था। 22 नवम्बर 2018 को पीड़िता पड़ोस में जन्मदिन कार्यक्रम में गई थी। रात करीब 12 बजे जब वह वापस आ रही थी, तब आरोपी ने उसे पेड़ के नीचे ले जाकर दुष्कर्म किया। घटना के दूसरे दिन पीड़िता की मां ने खून निकलता देखा, तब पीड़िता ने घटना की जानकारी मां को दिया। पीड़िता का पिता मजदूरी करने बीना गया था। पिता के वापस आने के बाद घटना की रिपोर्ट 1 दिसम्बर 2018 को रामनगर थाने में दर्ज कराया। विवेचक सतीश मिश्रा ने विवेचना के दौरान आरोपी को गिरफ्तार कर 17 दिसम्बर 18 को आरोप पत्र विचारण के लिए अदालत में पेश किया। आरोप प्रामणित करने के लिए अभियोजन ने 11 साक्षियों को अदालत में पेश किया। वहीं आरोपी ने झूठा फंसाए जाने का बचाव लिया।

प्रत्येक दिन करेगा अपराध बोध
अदालत ने भादवि की धारा 376(2) और पाक्सो एक्ट की धारा 5/6 का अपराध सुनवाई के बाद प्रमाणित माना। अभियोजन ने आरोपी के लिए मृत्युदंड की मांग की, जिसे अदालत ने नामंजूर करते हुए माना कि मृत्युदंड से आरोपी को मुक्ति मिल जाएगी। आजीवन कारावास की सजा देते हुए अदालत ने माना कि इस सजा से आरोपी को प्रत्येक दिन अपने अपराध का बोध होगा। अदालत ने आरोपी के अपराध को पीडि़त के जीवन को प्रभावित करने वाला मानते हुए आरोपी रामानुज बुनकर पिता रामसजीवन बुनकर निवासी कुआं को जीवन की अंतिम सांस तक जेल और जुर्माने की सजा से दंडित किया है। 
 

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