प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहना मौलिक अधिकार, डंपिंग के लिए उपलब्ध कराएं जगह : HC

प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहना मौलिक अधिकार, डंपिंग के लिए उपलब्ध कराएं जगह : HC

Tejinder Singh
Update: 2018-08-03 15:05 GMT
प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहना मौलिक अधिकार, डंपिंग के लिए उपलब्ध कराएं जगह : HC

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहना हर नागरिकों का मौलिक अधिकार है। यह बात कहते हुए बांबे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह दो महीने के भीतर मुंबई में कचरे की डंपिंग के लिए मुंबई महानगरपालिका को जमीन आवंटित करें। 

जस्टिस अभय ओक व जस्टिस रियाज छागला की बेंच ने महानगर निवासी पांडुरंग पाटील की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद निर्देश दिया। इससे पहले बेंच ने पाया कि मुंबई के देवनार डंपिंग ग्राउंड में रोजाना अवैध रुप से सात से 9 हजार मैट्रिक टन कचरा डंप किया जाता है।

बहुत सारा कचरा वैज्ञानिक तरीके से डंप नहीं किया जाता है। यह नागरिकों व पार्यवरण के लिए बेहद घातक स्थिति पैदा कर सकता है। कानून हर नागरिक को प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहने का अधिकार देता है। ऐसे में यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह कचरे की डंपिग के लिए महानगरपालिका को जमीन उपलब्ध कराए।

ताकि मनपा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट से जुड़े नियमों का प्रभावी ढंग से पालन कर सके। बेंच ने कहा कि सरकार मनपा को ऐसी जमीन उपलब्ध कराए जिसमे किसी तरह का कोई कानूनी विवाद न हो। 

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