लोकसभा : व्यापारियों से कपास खरीदते समय न लिया जाए जीएसटी-आरसीएम, नागपुर-मुंबई के बीच उच्च गति रेल गलियारे पर भी उठा सवाल

लोकसभा : व्यापारियों से कपास खरीदते समय न लिया जाए जीएसटी-आरसीएम, नागपुर-मुंबई के बीच उच्च गति रेल गलियारे पर भी उठा सवाल

Tejinder Singh
Update: 2021-03-10 16:13 GMT
लोकसभा : व्यापारियों से कपास खरीदते समय न लिया जाए जीएसटी-आरसीएम, नागपुर-मुंबई के बीच उच्च गति रेल गलियारे पर भी उठा सवाल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वर्धा से भाजपा सांसद रामदास तडस ने बुधवार को लोकसभा में विदर्भ के कपास व्यापारियों की समस्याओं की ओर सदन का ध्यान आकर्षित करते हुए सरकार से मांग की कि व्यापारियों से कपास खरीदते समय जीएसटी-आरसीएम न लिया जाए। नियम 377 के तहत इस मुद्दे को उठाते हुए सांसद तडस ने कहा कि देश में कुल कपास के उत्पादन में से अकेले विदर्भ में 40 प्रतिशत होता है। उन्होंने कहा कि व्यापारियों को कपास खरीदते समय जीएसटी-आरसीएम का तुरंत भुगतान करना पड़ता है। इससे कपास व्यापारियों का लाखों करोडों रुपये 6 माह से लेकर साल भर तक ब्लॉक हो जाता है। लिहाजा व्यापारियों के हित को ध्यान में रखते हुए कपास खरीदते समय जो जीएसटी-आरसीएम लिया जा रहा है वह व्यापारी जब खरीदा हुआ कपास बेचे उस समय लिया जाए। ताकि कपास व्यापारियों को राहत मिल सके। 

नागपुर-मुंबई के बीच उच्च गति रेल गलियारे को लेकर उठाए सवाल पर लोकसभा में हुआ हंगामा

शिवसेना सांसद प्रतापराव जाधव ने बुधवार को लोकसभा में नागपुर-मुंबई के बीच उच्च गति रेल गलियारे को लेकर उठाए सवाल पर काफी हंगामा मचा। सांसद जाधव ने इस रेल गलियारे के संबंध में आसान से सवालों का जवाब जानना चाहा था, लेकिन रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इस पर जानकारी देने के बजाय अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन के बारे में ही अधिक बात रखते इस काम को गति देने में सहयोग न देने का ठीकरा उलटा महाराष्ट्र सरकार पर ही फोड़ दिया। दरअसल, सांसद जाधव ने सदन में रेल मंत्री से यह जानना चाहा था कि क्या नागपुर-मुंबई के बीच उच्च गति रेल गलियारे के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने का कार्य अनुमोदित कर दिया है और नेशनल हाई स्पीड़ रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड को सौंप दिया है। दूसरा सवाल था कि यह रिपोर्ट कब तक अनुमोदित करने के लिए नेशनल हाई स्पीड़ रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड को सौंपी गई है? उन्होंने कहा कि उनके पास ऐसी जानकारी है कि इस योजना को तीसरे चरण में रखा गया है। क्या सरकार इस रेल गलियारे को वरीयता देकर सभी प्रक्रिया पूरी करके इसके निर्माण संबंधी कार्य को स्वीकृति प्रदान करेगी?

रेल मंत्री गोयल ने हालांकि सांसद जाधव द्वारा पूछे सवाल को बेहतरीन बताया, लेकिन उनके द्वारा पूछे गए सवाल के बारे में अधिक न बताते हुए मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन गलियारे के बारे में ही बातें रखीं। मंत्री ने कहा कि देशभर में सभी लोगों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए मुंबई से अहमदाबाद हाई  स्पीड रेल का निर्माण करने का फैसला लिया गया। लेकिन बड़े खेद की बात है कि महाराष्ट्र की मौजूदा महाविकास आघाडी सरकार ने इस काम को पूरे तरीके से रोक दिया है। जब राज्य में भाजपा की सरकार थी तो 24 प्रतिशत जमीन का अधिग्रहण हो सका, जबकि गुजरात में 95 प्रतिशत जमीन एक्वायर कर ली गई। राज्य की मौजूदा सरकार के कारण हाई स्पीड रेल का काम पूरी तरह रुक गया है। रेलमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार का अगर ऐसा रवैया है तो इस परिस्थिति में मुंबई से नागपुर कैसे हाई स्पीड़ रेल आएगी, यह उनके समझ से बाहर है।

महाराष्ट्र सरकार नही कर रही सहयोग

सांसद जाधव ने जब रेलमंत्री को फिर याद दिलाया कि उनका सवाल मुंबई-नागपुर हाई स्पीड ट्रेन के बारे में था तब रेल मंत्री ने बताया कि सरकार ने पहले से ही इस परियोजना के बारे में विस्तृत रिपोर्ट का काम शुरु कर दिया है। इसे कोई तीसरे चरण में नही रखा है। राज्य सरकार से सहयोग ने मिलने के कारण अनुमानित डीपीआर की तिथि अगस्त 2021 कर दी गई है। अगर महाराष्ट्र सरकार सहयोग दे तो केन्द्र सरकार जल्द से जल्द इसे पूरा करने की दिशा में आगे बढेगी।

 

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