लोनी मवाला रेप केस : 3 आरोपियों को फांसी,अहमदनगर कोर्ट का फैसला

लोनी मवाला रेप केस : 3 आरोपियों को फांसी,अहमदनगर कोर्ट का फैसला

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-10 08:19 GMT
लोनी मवाला रेप केस : 3 आरोपियों को फांसी,अहमदनगर कोर्ट का फैसला

डिजिटल डेस्क,अहमदनगर। जिले के लोनी मावला सामूहिक दुष्कर्म मामले में जिला सत्र न्यायाधीश सुवर्णा केवले ने तीन आरोपीयों को फांसी की सजा सुनाई है। परिसर के नागरिको ने  कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया। सुनवाई के दौरान न्यायालय परिसर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था करके रखी गई थी। इस मामले में विशेष सरकारी वकील उज्जवल निकम ने पैरवी की। कोपर्डी घटना की पृष्ठीभूमि पर इस फैसले की ओर जिले के नागरिको का ध्यान बना हुआ था। 

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क्या था मामला 

लोनी मवाला में 22 आगस्त 2014 को स्कूली छात्रा के साथ तीन आरोपियों ने दुष्कर्म कर उसे मौत के घाट उतार दिया था। शुरूआत में मामले को गंभीरता से नही लिया गया, लेकिन वरिष्ठ समाजसेवक अण्णा हजारे ने इस मामले में टिप्पणी करते हुए मामले के दोषियों को कठोर सजा दिलाने के लिए सरकारी वकील के तौर पर एडवोकेट उज्जवल निकम को नियुक्त करने की मांग की थी। संतोष विष्णु लोणकर , मंगेश दत्तात्रय लोणकर और दत्तात्रय शिंदे लोनी मवाला के खिलाफ आरोप सिद्ध होने के बाद यह फैसला सुनाया गया।

इस प्रकार हुई सुनवाई 

प्रशासन ने मामले में निकम की दिसंबर 2014 में नियुक्ति की। 18 नवंबर 2014 को दोषारोपपत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। 1 जुलाई 2015 से सुनवाई शुरू हुई। 7 जुलाई 2017 को सुनावाई समाप्त हुई। कुछ दिनो पूर्व कोर्ट ने आरोपियों को दोषी करार दिया था। इसके बाद 10 नवंबर को  जिला सत्र न्यायाधीश सुवर्णा केवले ने तीनो आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई।   

दसवीं की छात्रा था नाबालिग

नाबालिग अलकुटी विद्यालय में दसवीं कक्षा की छात्रा थी। इस घटना के बाद क्षेत्र में तनाव की स्थिति निर्माण हो गई। लोगों का आक्रोश फूटने लगा।कई धरना आंदोलन भी हुए। मामले में पुलिस ने  18 नवंबर 2014 को रोजी न्यायालय में आरोपी के खिलाफ याचिका दायर की।  सरकारी वकील एडवोकेट उज्ज्वल निकम ने  व आरोपियों की ओर से  एडवोकेट अनिल अरोटे, एड. राहुल देशमुख, प्रीतेश खराटे व परिमल फले ने पैरवी की। मामले की जांच कर रहे पारनेर पुलिस थाने के तत्कालीन निरीक्षक शरद जांभले ने क्षेत्र में तनाव के दौरान स्थिति काबू में रख आरोपियों के खिलाफ सबूत इकट्ठा किए। लोनी मवाला कोर्ट में सरकारी पक्ष ने कुल 32 सबूत पेश किए, लेकिन चश्मदीद गवाह नहीं था । कोर्ट ने 24 सबूतों पर गौर किया जिसमें से कई पुख्ता सबूत भी थे। सबूतों और गवाहों के मद्देनजर सुनाए गए इस फैसले से न्याय मिलने से लोगों ने स्वागत किया।


 

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