आरेंज सिटी क्राफ्ट मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का धमाल

आरेंज सिटी क्राफ्ट मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का धमाल

Anita Peddulwar
Update: 2018-01-19 08:13 GMT
आरेंज सिटी क्राफ्ट मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का धमाल

डिजिटल डेस्क,नागपुर । ऑरेंज सिटी क्रॉफ्ट मेले में परंपरा का धमाल मचा हुआ है। यहां आए कलाकार  एक से बढ़ कर एक कार्यक्रम पेश कर रहे हैं। मेले में जहां सांस्कृतिक कार्यक्रमों का बोलबाला है, वहीं बहुरूपियों से लेकर बाजीगर तक अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं। पंजाब से आए बाजीगार अपनी बाजीगरी से धमाल मचा रहे हैं। ढोल की थाप पर गले से सरिया मोड़ना रोंगटे खड़े कर देने वाला खेल दिखाते हैं। वहीं  बैलेंस का भी कमाल देखने को मिल रहा है। बाजीगरों के सरदार जोगिंदर सिंह ने बताया कि वे भारत ही नहीं, विदेशों में भी अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके हैं। हर जगह उनकी कला को सराहना मिली है। उन्होंने अपने पूर्वजों की कला व अपनी संस्कृति को जिंदा रखने के लिए इस कला को चुना है। बाजीगर सदियों से अपने कलाओं के लिए प्रसिद्ध रहे हैं, लेकिन आधुनिक युग में इस कला की कद्र नहीं होने से इस पर संकट मंडरा रहा है।

उपेक्षा में जी रहे हैं
हम उपेक्षा में जी रहे हैं। सरकार कभी मदद नहीं देती। बाजीगरी करना आसान नहीं है। खतरनाक करतब दिखाते हुए कभी भी अप्रिय घटना हो सकती है, इसके बावजूद 25 वर्षों से निरंतर इस कला को दिखाते आ रहा हूं। यदि अब भी सरकार इस कला को प्रोत्साहन नहीं देगी, तो आने वाली पीढ़ी बाजीगरों के करतब सिर्फ पुरानी फिल्मों में ही देख पाएगी। जिसे जीवित रख आने वाली पीढ़ियों को इससे अवगत कराना बेहद जरूरी है। मेलों में काम मिल जाता है, लेकिन सरकार से कोई मदद नहीं मिलती है।                                
 -जोंगिदर सिंह, बाजीगर, फिरोजपुर

खत्म होती जा रही बाजीगरी
बाजीगरी पंजाब की प्राचीन कला है।, जो अब खत्म होती जा रही है। पंजाब में कुछेक गिने-चुने बाजीगर ही बचे हैं, जो इस कला को जीवित रखे हैं। दर्शकों का मनोरंजन करने और जिन्दगी जीने के लिए ये कलाबाज ‘मौत’ से दो-दो हाथ करते हैं। दर्शक उन्हें कलाबाजी करता देख सांसें थाम लेते हैं। कलाबाज का करतब खत्म होते ही दर्शक हौसला अफजाई करने की जगह बिना कुछ प्रोत्साहन राशि दिए आगे बढ़ जाते हैं। ऐसी स्थितियों का सामना बाजीगरों को करना पड़ता है। 

दर्शकों का मनोरंजन
मेले में सुबह से शाम तक खतरनाक करतब दिखाने वाले गुरजंट की बाजीगरी को देख कर दर्शकों की सांस थम जाती हैं और जैसे ही तालियों की गड़गड़ाहट गूंजती है थका-हारा गुरजंट सिंह पुन: जोश के साथ करतब दिखाने में जुट जाता है। चाकुओं पर उल्टी छलांग, गले से सरिया मोड़ना, सीढ़ी की छलांग लगाना, लोहे के एक गोल व्यास से एक साथ 3 लोगों का गुजरना आदि मुख्य करतब हैं। 

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