नागपुर के तीनों बड़े सरकारी अस्पताल में बंद पड़ी मशीनें

नागपुर के तीनों बड़े सरकारी अस्पताल में बंद पड़ी मशीनें

Anita Peddulwar
Update: 2019-05-18 11:26 GMT
नागपुर के तीनों बड़े सरकारी अस्पताल में बंद पड़ी मशीनें

डिजिटल डेस्क, नागपुर। स्वास्थ्य सेवा के मामले में नागपुर शहर मध्य भारत का प्रमुख केंद्र है। इसी शहर के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवा चरमरा गई है। इन अस्पतालों के लैब दिखावा बनकर रह गए हैं। करोड़ों रुपए खर्च कर मशीनें स्थापित की गईं, लेकिन चंद कीमत के केमिकल, टेस्ट किट, मशीनों की दुरुस्ती नहीं किए जाने से टेस्ट बंद पड़े हैं। मेडिकल, मेयो और सुपर स्पेशलिटी तीनों बड़े अस्पतालों में कमोबेश यही हाल है। निजी लैब के भरोसे इनका दारोमदार है। सबसे बुरा हाल शासकीय मेडिकल अस्पताल का है। पैथाेलोजी, बायो केमिकल, मायक्रो बायोलॉजी तीनों लैब में  अनेक टेस्ट महीनों से बंद है।

मेडिकल अस्पताल में 3 लैब हैं। बायोकेमिस्ट्री लैब में 18 जनवरी 2018 को थाइराइड की टीएफटी अंतिम टेस्ट हुई। टेस्ट किट समाप्त हो जाने के चलते लगभग डेढ़ वर्ष से टेस्ट बंद है। सूत्रों से पता चला कि हाल ही में टेस्ट किट की आपूर्ति हुई है। लंबे समय से मशीन बंद पड़ी रहने से खराब हो गई है। उसकी दुरुस्ती चल रही है। एक-दो दिन और लग सकते हैं। पीसीएल लैब में भी टीएफटी टेस्ट बंद हुए डेढ़ वर्ष हो गए।

इसके अलावा बायोकेमिस्ट्री के लिवर फंक्शन, कैल्शियम, यूरिक एसिड टेस्ट नहीं हो रहे हैं। इसकी वजह मशीन खराब बताई जा रही है। मायक्रो बॉयोलॉजी की सीआरपी टेस्ट 5-6 महीने से बंद है। पैथाेलोजी की ईएसआर सोल्यूबिलिटी टेस्ट 4-5 महीने से और बीसीसीटी टेस्ट 5-6 महीने से आवश्यक संसाधनों के अभाव में बंद है। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में सीबीसी और टीएफटी टेस्ट आवश्यक केमिकल खत्म होने से बंद है। मेयो अस्पताल का हाल भी अलग नहीं है। बीच-बीच में आवश्यक संसाधन उपलब्ध नहीं रहने से टेस्ट बंद रहते हैं। फिलहाल मायक्रो बायोलॉजी की एसबीएसएजी टेस्ट बंद है। सूत्रों से पता चला कि टेस्ट के लिए जरूरी किट खत्म हो गए हैं।

सरकारी अस्पतालों में टेस्ट बंद रहने से मरीजो की जेब पर बोझ पड़ रहा है। उन्हें निजी अस्पतालों से टेस्ट कराने पड़ रहे हैं। सरकारी अस्पताल में निजी लैब के प्रतिनिधि पहुंचकर मरीजों के नमूने ले जाते हैं। गुरुवार को मेयो अस्पताल में एक मरीज के रिश्तेदार और निजी लैब के प्रतिनिधि के बीच नोकझोंक होने से इस बात का खुलासा हुआ है।
 

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