बुलढाणा के नए पालक मंत्री बने मदन येरावार, फलबाग योजना को मिला दिवंगत मंत्री फुंडकर का नाम 

बुलढाणा के नए पालक मंत्री बने मदन येरावार, फलबाग योजना को मिला दिवंगत मंत्री फुंडकर का नाम 

Tejinder Singh
Update: 2018-07-06 14:51 GMT
बुलढाणा के नए पालक मंत्री बने मदन येरावार, फलबाग योजना को मिला दिवंगत मंत्री फुंडकर का नाम 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बुलढाणा जिले के नए पालक मंत्री मदन येरावार होंगे। प्रदेश के कृषि मंत्री रहे पाडुंरंग फुंडकर के निधन से बुलढाणा का पालक मंत्री पद रिक्त था। इसके मद्देनजर सरकार ने येरावार को जिले के पालक मंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी है। शुक्रवार को राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया। भाजपा नेता व राज्य मंत्री येरावार अपने गृह जिले यवतमाल के भी पालक मंत्री हैं। प्रदेश की फडणवीस सरकार में राज्य मंत्री के रूप में कार्यरत येरावार के पास फिलहाल ऊर्जा, पर्यटन, अन्न व औषधि प्रशासन, एमएसआरडीसी और सामान्य प्रशासन विभाग की जिम्मेदारी है।

प्रदेश सरकार की फलबाग योजना को दिवंगत मंत्री फुंडकर का नाम 

इसके अलावा सरकार की फलबाग लगाने की नई योजना को भाजपा नेता व पूर्व कृषि व फलोत्पादन मंत्री दिवंगत फांडुरंग (भाऊसाहब) फुंडकर का नाम दिया गया है। फलबाग योजना को अब भाऊसाहब फुंडकर बागवानी योजना के रूप में जाना जाएगा। शुक्रवार को राज्य के कृषि विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया। इसके मुताबिक प्रदेश में खरीफ सत्र 2018-19 से इस योजना को लागू किया जाएगा। योजना के लिए बजट में 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। पुणे के कृषि आयुक्तालय के कृषि आयुक्त की निगरानी में योजना चलाई जाएगी। क्षेत्रीय स्तर पर कृषि विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों पर योजना को लागू करने की जिम्मेदारी होगी। सरकार ने कृषि आयुक्तालय को योजना के लिए इच्छुक लाभार्थियों से ऑनलाइन आवेदन मंगाने को कहा है।

योजना के लिए सरकार लाभार्थी को तीन साल में 50 प्रतिशत, 30 प्रतिशत और 20 प्रतिशत के अनुसार लाभ देगी। योजना का लाभ लेने के लिए कोंकण में किसानों के पास अधिकतम 10 हेक्टेयर और प्रदेश के दूसरे अंचल में 6 हेक्टेयर जमीन होना जरूरी है। जिन किसानों को मनरेगा के तहत फलबाग लगाने की योजना का लाभ नहीं मिल सकता है। ऐसे किसानों को ही इस योजना का लाभ मिल सकेगा। किसानों को आम, अनार, काजू, अमरूद, सीताफल, कोकम, कटहल, नींबू, नारियल, चिकू, संतरा, मौसंबी जैसे फल लगाने के लिए अनुदान मिलेगा। सरकार के आंकड़ों के अनुसार राज्य में 16 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फलबाग लगाए जाते हैं। राज्य मंत्रिमंडल ने 20 जून को फलबाग योजना को मंजूरी प्रदान किया था।


 

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