चव्हाण का दावा : स्टार्टअप रेटिंग के अंतिम 15 में भी शामिल नहीं हो सका महाराष्ट्र, मुनगंटीवार ने किया पलटवार

चव्हाण का दावा : स्टार्टअप रेटिंग के अंतिम 15 में भी शामिल नहीं हो सका महाराष्ट्र, मुनगंटीवार ने किया पलटवार

Tejinder Singh
Update: 2018-12-24 14:51 GMT
चव्हाण का दावा : स्टार्टअप रेटिंग के अंतिम 15 में भी शामिल नहीं हो सका महाराष्ट्र, मुनगंटीवार ने किया पलटवार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। स्टार्टअप रेटिंग में महाराष्ट्र के पिछड़ने के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के दावे को गलत बताते प्रदेश के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने पलटवार किया है। चव्हाण विषय को समझे बगैर गलत बयानी कर रहे हैं। मुनगंटीवार का कहना है कि चुनावी वर्ष देख कर कांग्रेस नेता बेसिरपैर के आरोप लगा कर महाराष्ट्र की बदनामी कर रहे हैं। बतादें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने आरोप लगाया है कि स्टार्ट अप परियोजना में महाराष्ट्र टॉप टेन में शामिल नहीं हो सका। केंद्र सरकार के उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी रेटिंग सूची का हवाला देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टेट स्टार्टअप रेटिंग में गुजरात पहले क्रमांक पर है, जबकि महाराष्ट्र को अंतिम 15 में भी स्थान नहीं मिल सका। चव्हाण ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र को स्टार्टअप की राजधानी बनाने का दावा कर रहे थे, लेकिन यहां तो महाराष्ट्र सबसे फिसड्डी साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 2014 में सभी राज्यों से कहा था कि वे स्टार्टअप कंपनियों के लिए अपनी स्टार्टअप नीति घोषित करें। 2014 में ही आंधप्रदेश इस तरह की नीति घोषित करने वाला पहला राज्य बन गया, जबकि भाजपा शासित महाराष्ट्र बिल्कुल अंत में जनवरी 2018 में अपनी स्टार्टअप नीति घोषित कर सका। 

महाराष्ट्र को सिखाएगा गुजरात


चव्हाण ने कहा कि यह रिपोर्ट मोदी सरकार ने ही तैयार की है। उन्होंने बताया कि रेटिंग में पहले 10 स्थान पर आने वाले राज्यों को स्टार्टअप के मामले में पिछड़े राज्यों को सीख देना होगा। स्टार्टअप रेटिंग में पहले क्रमांक पर आने वाले गुजरात को उत्तर प्रदेश, दमण, दीव और महाराष्ट्र को सिखाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कांग्रेस नेता ने कटाक्ष करते हुए कहा कि अब गुजरात महाराष्ट्र को सिखाएगा। उन्होंने कहा कि फडणवीस सरकार के सत्ता में आने के बाद महाराष्ट्र उद्योग के मामले में लगातार पिछड़ रहा है। चव्हाण ने कहा कि 2015-16 में महाराष्ट्र में उद्योग विकास दर 7.2 फीसदी था। 2016-17 में 6.9 प्रतिशत और 2017-18 में और गिर कर 6.5 फीसदी पर आ गया। उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों में मेक इन महाराष्ट्र व मैगनेटिक महाराष्ट्र जैसे इवेंट आयोजित कर सिर्फ प्रचार किया गया। एक सवाल के जवाब में चव्हाण ने कहा कि इस हालत के लिए केवल राज्य के उद्योग मंत्री को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। इसके लिए मुख्यमंत्री भी जिम्मेदार हैं।      
 

विषय को समझे बगैर महाराष्ट्र को बदनाम कर रहे चव्हाणः मुनगंटीवार

राज्य के वित्तमंत्री ने कहा कि आज भी सर्वाधिक स्टार्टअप महाराष्ट्र में हैं। उऩ्होंने कहा कि आश्चर्य होता है कि प्रधानमंत्री कार्यालय में कार्य करने वाला व्यक्ति किसी रिपोर्ट को समझने में ऐसी गलती कैसे कर सकता है। मुनगंटीवार ने कहा कि पृथ्वीराज चव्हाण जिस रिपोर्ट के हवाले से यह दावा कर रहे हैं, उसमें मान्यता प्राप्त 14 हजार 036 स्टार्टअप कंपनियों का समावेश है। उनमें से 2787 कंपनिया महाराष्ट्र में हैं। स्टार्टअप नीति देरी से घोषित किए जाने के आरोप पर मुनगंटीवार ने कहा कि फरवरी 2018 में महाराष्ट्र ने अपनी स्टार्टअप नीति घोषित की और डीआईपीपी ने जो रैंकिंग घोषित की है, वह मई 2018 तक इस नीति पर आधारित इव्हॅल्यूशन पर आधारित है। मुनगंटीवार ने दावा किया कि सर्वाधिक स्टार्टअप कंपनियों के चलते महाराष्ट्र स्टार्टअप की राजधानी बन चुका है। पर पूर्व मुख्यमंत्री चव्हाण आकड़ों का अपनी सुविधा के अनुसार इस्तेमाल कर लोगों को भ्रमित कर रहे हैं। वित्तमंत्री ने कहा कि कारोबार सुगमता (ईज आफ डूईंग बिजनेश) के मामले में सिंगापुर की विश्व प्रसिद्ध संस्था ली कॉन यू ने अपनी रिपोर्ट में महाराष्ट्र को अग्रणी माना है। उन्होंने कहा कि देश का औद्योगिक विकास दर 4.4 फीसदी होने पर भी महाराष्ट्र की विकास दर 6.5 फीसदी है। इसके बावजूद मुख्यमंत्री जैसे पद पर रह चुका व्यक्ति महाराष्ट्र की बदनामी कर रहा है, यह दुखद है।     
 

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