1 मई को कॉलजों में नहीं मनेगा महाराष्ट्र दिवस, परीक्षा को लेकर सरकार के निर्देश का इंतजार

1 मई को कॉलजों में नहीं मनेगा महाराष्ट्र दिवस, परीक्षा को लेकर सरकार के निर्देश का इंतजार

Tejinder Singh
Update: 2020-04-30 11:10 GMT
1 मई को कॉलजों में नहीं मनेगा महाराष्ट्र दिवस, परीक्षा को लेकर सरकार के निर्देश का इंतजार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। 1 मई को विश्वविद्यालय और कॉलेजों में महाराष्ट्र दिवस का समारोह नहीं मनेगा। राज्य सरकार के निर्देश पर उच्च शिक्षा विभाग ने यह शिक्षा संस्थानों को यह निर्देश जारी कर दिया है। इसी हवाले से राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय ने अपने सभी कॉलेजों के नाम यह एडवाईजरी जारी कर दी है। पत्रक में साफ किया गया है कि राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण के चलते महाराष्ट्र दिवस के आयोजन में बदलाव किया है। सिर्फ जिलाधिकारी कार्यालय में ही ध्वजारोहण कार्यक्रम होगा। 

आईआईएम नागपुर ने जापान की चुओ यूनिवर्सिटी से किया करार

उधर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम ) ने जापान की चुओ यूनिवर्सिटी के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ स्ट्रैटेजिक मैनेजमेंट के साथ करार किया है। जिसके तहत स्टूडेंट-फैकल्टी एक्सचेंज, रिसर्च और कल्चरल एक्सचेंज जैसे उपक्रम किए जाएंगे। व्यवस्थापन और प्रशासनिक मुद्दे, उद्योजकता, टेक्नोलॉजी जैसे विविध पहलू दोनों संस्थाओं के फोकस एरिया होंगे। इसी कड़ी में आईआईएम नागपुर ने हाल ही में अपने यहां प्रो.राहुल कुमार सेठ की अध्यक्षता में इंडो-जापान रिसर्च सेंटर स्थापित किया है। आईआईएम नागपुर के बोर्ड ऑफ गवर्नर अध्यक्ष सी.पी.गुरुनानी ने इस करार में अहम भूमिका निभाई है। आईआईएम नागपुर ने हाल ही में अपने यहां प्रो.राहुल कुमार सेठ की अध्यक्षता में इंडो-जापान रिसर्च सेंटर स्थापित किया है। संस्थान निदेशक प्रो.एल.एस.मुर्ति ने कहा कि जापानी यूनिवर्सिटी के साथ करार के बाद एकेडमिक और इंडस्ट्री के लिए कई नए पहलू खुलेंगे।

परीक्षा को लेकर सरकार के निर्देश का होगा इंतजार

वहीं परीक्षा और अन्य मामलों पर यूजीसी की रिपोर्ट आने के बाद बुधवार को राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के परीक्षा मंडल की बैठक वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए संपन्न हुई। जिसमें प्रभारी कुलगुरु डॉ.मुरलीधर चांदेकर, परीक्षा नियंत्रक डॉ.प्रफुल्ल साबले समेत सभी सदस्य शामिल हुए। यूजीसी ने अपनी रिपोर्ट में विश्वविद्यालयों को जुलाई माह में परीक्षा आयोजित करने का सुझाव दिया है। इसमें टर्मिनरल सेमेस्टर की परीक्षाएं 1 से 15 जुलाई के बीच और इंटरमीडिएट सेमेस्टर की परीक्षा 16 से 31 जुलाई के बीच आयोजित करने का सुझाव है। लॉकडाउन के पूर्व विवि ने करीब 130 परीक्षाएं पूरी कर ली थी। लेकिन उनकी करीब 700 परीक्षाएं बाकी रह गई है। ऐसे में बैठक में परीक्षा के आयोजन को लेकर चर्चा हुई। दरअसल यूजीसी के अलावा राज्य स्तर पर भी एक विशेषज्ञ समिति परीक्षा व अन्य मामलों पर मंथन कर रही है। ऐसे में नागपुर विश्वविद्यालय ने परीक्षा के आयोजन पर राज्य सरकार के निर्देश का इंतजार करने का निर्णय लिया है। संभव है कि यूजीसी की सिफारिशों को ही राज्य सरकार लागू करा देगी। यूजीसी की रिपोर्ट में परीक्षा के आयोजन के पूर्व मई माह में ऑनलाइन क्लासेस लेकर बचा हुआ सिलेबस पूरा करने को कहा गया है। इसके बाद जून माह में विद्यार्थियों को परीक्षा की तैयारी का वक्त दिया जाएगा। फिर जुलाई में परीक्षा होगी और 14 अगस्त तक सभी रिजल्ट जारी किए जाएंगे। रिजल्ट आने के बाद अगस्त में ही अगले सेमेस्टर की कक्षाएं शुरु होगी। हां जो नए विद्यार्थी है उनकी कक्षाएं सितंबर माह में शुरु होगी।

ऑनलाइन होगा पीएचडी वायवा

बुधवार को नागपुर विवि ने निर्णय लिया है कि पीएचडी संशोधकों का वायवा ऑनलाइन लिया जाएगा। परीक्षक और शोधार्थी अपनी अपनी जगह बैठ कर यह प्रक्रिया पूरी करेंगे। फिलहाल विवि के पास 141 शोधार्थियों के थीसिस जमा हुए है। करीब 70-80 थीसिस जल्द ही आएंगे। ऐसे में विवि ऑनलाइन वायवा लेकर पीएचडी प्रक्रिया पूरी करेगा। इस फैसले को अंतिम रूप देने के लिए विवि ने डॉ.जी.एस.खडेकर की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। इसमें परीक्षा नियंत्रक डॉ.साबले सचिव है। समिति को 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट विवि को सौंपनी है।
 

 

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