विवादों में गरीबों की ‘आरोग्य योजना’ , मरीजों के 25 लाख बिल अटके

विवादों में गरीबों की ‘आरोग्य योजना’ , मरीजों के 25 लाख बिल अटके

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-10 12:00 GMT
विवादों में गरीबों की ‘आरोग्य योजना’ , मरीजों के 25 लाख बिल अटके

डिजिटल डेस्क,नागपुर। एक बार फिर गरीबों की स्वास्थ्य योजना विवादों में घिर गई है। जिस योजना को गरीबों के लिए वरदान कहा जाता है। वहीं महात्मा ज्योतिबा फुले जीवनदायी आरोग्य योजना (एमजेएफजेएवाई) मेयो में बीमार पड़ती दिखाई दे रही है। इंदिरा गांधी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (मेयो) में योजना के तहत उपचार होने के बाद मरीजों के 40 केस रोक दिए गए हैं। इससे मेयो के 25 लाख रुपए के बिल पेंडिंग पड़े हुए हैं। 

हैरानी की बात तो यह है कि यह बिल इसलिए पेंडिंग है, क्योंकि अस्पताल में सामान उपलब्ध नहीं होने के कारण उसे मरीजों से बाहर से मंगवाया गया था। इन बिलों का भुगतान मेयो के एमजेएफजेएवाई कंपनी के कार्यालय से किया जाता है, लेकिन बीमा कंपनी के जांचकर्ता ने उन बिलों को रिजेक्ट लिस्ट में डाल दिया और इस प्रकार मेयो अस्पताल द्वारा मरीजों पर खर्च किए 25 लाख रुपए अटक गए।

ऐसी  है प्रक्रिया

अस्पताल में मरीज की जांच के बाद योजना से उपचार होता है।  योजना के तहत पहले अस्पताल में भर्ती किया जाता है। योजना में अलग-अलग बीमारियों के लिए पैकेज बने हुए हैं , लेकिन मरीज को एक भी रुपया नहीं देना पड़ता है। उपचार में उपयोग होने वाली दवा या अन्य सामग्री योजना के स्टोर में नहीं है तो उसे बाहर से मंगवाई जाती है और उसे मरीज के हस्ताक्षर के साथ जमा करने पर वापस कर दिया जाता है। उपचार पूरा होने के बाद मरीज को यात्रा भत्ता भी दिया जाता है। उपचार बीच में छोड़ने की स्थिति में अस्पताल को बीमा कंपनी द्वारा भुगतान नहीं किया जाता और तब अस्पताल द्वारा मरीज पर किए गए खर्च को खुद भुगतना पड़ता है।

बैठक में पेमेंट करने को कहा

मेयो के प्रभारी डीन डॉ.सुनील लांजेवार, अस्पताल अधीक्षक डॉ. संध्या मांजरेकर, पैरामाउंट कंपनी के सीएमओ डॉ. श्रीपाद चव्हाण एवं आनन्द शेट्टी के अलावा योजना से जुड़े लोग उपस्थित थे। बंधन ने कहा कि जितने भी केस पेंडिंग हैं, उनका बिल मंगवाकर उन पर हस्ताक्षर करवाओ और उन्हें भुगतान करो, ताकि राशि अस्पताल के खाते में जमा हो सके।

ये है मामला

बीमा कंपनी के जांचकर्ता ने शिकायत में पाया कि कैशलेस योजना में मरीजों से बाहर से सामान मंगवाया गया। इसके बाद उन सभी केसों काे अस्पताल को किया जाने वाला भुगतान रोक दिया गया।

करेंगे बिल का भुगतान
मेयो प्रभारी डीन डॉ.सुनील लांजेवार का कहना है कि जिनके भी बिल रह गए हैं उनका भुगतान किया जाएगा। जो मरीज शहर में हैं, उन्हें बुलाकर बिलों पर हस्ताक्षर करवाएं जाएंगे और जो आने में असमर्थ हैं उनको चेक से पेमेंट करेंगे। इससे शिकायत का निवारण हो जाएगा और मेयो के बिल को भी अनुमति मिल जाएगी।

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