कर्ज मुक्ति का श्रीगणेश : 68 किसानों के खाते में जमा हुए 60 लाख रुपए

कर्ज मुक्ति का श्रीगणेश : 68 किसानों के खाते में जमा हुए 60 लाख रुपए

Anita Peddulwar
Update: 2020-02-28 07:12 GMT
कर्ज मुक्ति का श्रीगणेश : 68 किसानों के खाते में जमा हुए 60 लाख रुपए

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  जिले में दो गांवों के 68 किसानों के बैंक खातों में महात्मा ज्योतिराव फुले किसान कर्ज मुक्ति योजना की निधि जमा हो गई। जिले में कुल 50232 पात्र किसान हैं, जिनमें से 68 किसानों के खाते में 60 लाख की राशि जमा हुई। पात्र किसानों को बैंक या आपले सरकार केंद्र में जाकर प्रमाणीकरण कराना है, जिसके बाद सीधे उनके खाते में राशि भेजी जाएगी।

मुंबई से आई थी तकनीकी टीम
मुंबई से आई तकनीकी टीम ने 24 फरवरी को जिले के कान्होलीबारा (हिंगना) व धापेवाड़ा (कलमेश्वर) में पहुंचकर आधार प्रमाणीकरण का काम पूरा किया। राज्य सरकार द्वारा तैयार पोर्टल की ऑनलाइन टेस्टिंग की। पात्र किसानों का प्रमाणीकरण किस तरह किया जाए, इसके बाद किस तरह सीधे उनके खाते में राशि पहुंचे इसका टेस्टिंग किया गया। पहले दिन दो गांवों के 289 पात्र किसानों को आधार प्रमाणीकरण होकर इनकी सूची बैंक व संबंधित ग्राम पंचायतों में  लगाई गई थी। धापेवाड़ा के 38 व कान्होलीबारा के 30 किसाानों के खाते में करीब 60 लाख की निधि जमा हो गई है। शेष पात्र किसानों को बैंक या आपले सरकार केंद्र में जाकर आधार प्रमाणीकरण करना है। प्रमाणीकरण के 24 घंटे बाद ही खाते में निधी जमा होगी। 

2 लाख तक के कर्ज हो रहे माफ
कर्ज मुक्ति योजना के तहत 1 अप्रैल 2015 से 30 सितंबर 2019 तक बकाया दो लाख तक के कर्ज माफ किए जाएंगे। कर्ज मुक्ति के लाभ के लिए किसान के पास जमीन कितनी है, इसकी कोई शर्त नहीं है। आधार कार्ड व बैंक पास बुक से ही प्रमाणीकरण की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

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घंटे प्रमाणीकरण के बाद ही खाते में निधि
महात्मा ज्योतिराव फुले किसान कर्ज मुक्ति योजना के जिले में 50232 लाभार्थी हैं। दो गांवों के 68 किसानों के खाते में कर्ज मुक्ति योजना की करीब 60 लाख की निधि जमा हो चुकी है। पात्र किसानों ने बैंक या आपले सरकार केंद्र में जाकर केवल प्रमाणीकरण करना है। इसके 24 घंटे बाद ही संबंधित बैंक खाते में राशि जमा हो जाएगी। आधार कार्ड व पासबुक बताने से ही प्रमाणीकरण हो जाएगा। पोर्टल के माध्यम से सारा काम ऑनलाइन होने से किसी मध्यस्थ या दलाल की मदद लेने की जरूरत नहीं है।  -विजय सिंह बैस, प्रबंधक, अग्रणी जिला बैंक नागपुर. 
 

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