नाबालिग के साथ सहमति से संबंध भी पास्को के तहत अपराध - हाईकोर्ट

नाबालिग के साथ सहमति से संबंध भी पास्को के तहत अपराध - हाईकोर्ट

Tejinder Singh
Update: 2018-12-18 15:19 GMT
नाबालिग के साथ सहमति से संबंध भी पास्को के तहत अपराध - हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सहमति से नाबालिग लड़की के साथ शारिरीक संबंध बनाने पर भी यह प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रन फ्राम सेक्सूअल आफेंस 2012 (पास्को) कानून के तहत अपराध माना जाएगा। बांबे हाईकोर्ट ने पास्को के तहत नाबालिग लड़की के यौन उत्पीड़न के लिए दोषी पाए गए संदेश मोहिते को दी गई सात साल की सजा को बरकरार रखते हुए यह फैसला सुनाया है। पास्को कोर्ट ने मोहिते को 26 फरवरी 2015 को दोषी ठहराते हुए पास्को कानून की धारा 4 के तहत सात साल के कारावास की सजा सुनाई थी। पास्को कोर्ट के फैसले के खिलाफ मोहिते ने हाईकोर्ट में अपील की थी। मोहिते के खिलाफ पीड़ित लड़की की मां ने पुलिस के पास 19 जून 2013 को शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में दावा किया गया था कि जब पीड़िता का यौन उत्पीड़न हुआ तो उसकी उम्र 16 साल से कम थी। 

जस्टिस एएम बदर के सामने मोहिते की अपील पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान मोहिते के वकील ने दावा किया कि उनके मुवक्किल के पीड़िता के साथ प्रेम संबंध थे। जिसके चलते वे पहले तिरुपति घूमने गए फिर सायन कोलिवाड़ा इलाके में किराए के घर में रहने लगे। इस दौरान मेरे मुवक्किल ने पीड़िता के साथ सहमति से संबंध बनाए। पीड़िता ने भी अपनी गवाही में इस बात को स्वीकार किया है। पीड़िता कि जन्म तारिख को लेकर जो दस्तावेज दिए गए वे स्पष्ट नहीं हैं। वहीं अभियोजन पक्ष ने पास्को कोर्ट के फैसले को सही ठहाराया और आरोपी को दी गई सजा को यथावत रखने का आग्रह किया। अभियोजन पक्ष ने पीड़िता की उम्र को लेकर पीड़िता का जन्म प्रमाणपत्र भी पेश किया। 

मामले से जुड़े दस्तावेज पर गौर करने के बाद जस्टिस ने कहा कि जन्म प्रमाणपत्र एक वैधानिक सक्षम प्राधिकरण की ओर से जारी किया जाता है। इस लिए यह उम्र को लेकर एक प्रमाणिक दस्तावेज है। जहां तक बात स्कूल के लिविंग सर्टीफिकेट (एलसी) की है तो आमतौर पर यह देखा गया है कि अभिभावक स्कूल में दाखिले के वक्त बच्चे की उम्र अपनी यादाश्त अथवा अपनी सुविधा के आधार पर दर्ज कराते हैं। इसलिए जन्म प्रमाणपत्र आयु के लिए एलसी की तुलना में प्रभावी दस्तावेज है। यदि हम आरोपी की ओर से पीड़िता की दी गई जन्म तारिख को मान भी ले तो भी उसकी उम्र 18 साल से कम है। पास्को कानून में 18 साल से कम उम्र की बच्ची के साथ संबंध बनाना अपराध की श्रेणी में आता है। इसलिए आरोपी को लेकर पास्को कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा जाता है और आरोपी की अपील को खारिज किया जाता है। 

 

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