छिंदाड़ा में 324 गांव मलेरिया हाईरिस्क- हर्रई, तामिया और जुन्नारदेव सर्वाधिक संवेदनशील

छिंदाड़ा में 324 गांव मलेरिया हाईरिस्क- हर्रई, तामिया और जुन्नारदेव सर्वाधिक संवेदनशील

Bhaskar Hindi
Update: 2019-08-12 07:54 GMT
छिंदाड़ा में 324 गांव मलेरिया हाईरिस्क- हर्रई, तामिया और जुन्नारदेव सर्वाधिक संवेदनशील

डिजिटल डेस्क,छिंदवाड़ा। स्वास्थ्य संचालनालय ने जिले के 11 विकासखंड़ों के 324 गांव मलेरिया हाईरिस्क घोषित किए है। तामिया, हर्रई और जुन्नारदेव विकासखंड अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में शामिल है। इन विकासखंड़ों में पिछले साल सर्वाधिक मलेरिया पॉजीटिव मरीज मिले थे। हाईरिस्क गांवों की घोषणा होते ही स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है। मलेरिया के मच्छरों का आतंक फैलने से पहले संवेदनशील गांवों में पहुंचकर मलेरिया विभाग का अमला लार्वा नष्टीकरण का उपाए करने लगा है। इसके अलावा टीम बुखार पीडि़तों की जांच कर रही है। मलेरिया अधिकारी देवेन्द्र भालेकर ने बताया कि जिले के हर्रई विकासखंड के 152 गांव, तामिया के 44 गांव और जुन्नारदेव के 77 गांव मलेरिया हाईरिस्क घोषित किए गए है। इनमें से अधिकांश गांव पहाड़ी और जंगल से घिरे क्षेत्रों के आसपास है। इस वजह से यहां मच्छरों का प्रकोप अधिक होता है। चिन्हित गांवों में दवा का छिड़काव कराया जा रहा है, ताकि इस वर्ष मलेरिया के प्रकोप को रोका जा सके।

अभी तक मिले 263 मलेरिया पॉजीटिव

मलेरिया विभाग की टीमें लगातार संवेदनशील गांवों में बुखार पीडि़त मरीजों की ब्लड जांच की जा रही है। जनवरी से अभी तक 1 लाख 33 हजार बुखार पीडि़तों की जांच की गई। इनमें से 263 मरीज मलेरिया पीडि़त मिले है। सभी मरीजों को मलेरिया की दवा देकर मच्छरदानी के इस्तेमाल की हिदायत दी जा रही है। 

दो से अधिक मिले मलेरिया पॉजीटिव

मलेरिया विभाग के मुताबिक एक हजार की आबादी वाले क्षेत्र में यदि दो मलेरिया पॉजीटिव मरीज चिन्हित होते है तो ऐसेे गांवों को हाईरिस्क कैटेगिरी में रखा जाता है। बीते वर्षों में मिले पॉजीटिव मरीजों के आधार पर इस साल मलेरिया रोकथाम के लिए अभियान चलाए जा रहे है। 

417 गांवों में बाटेंगे 2 लाख मच्छरदानी

जिले के आठ विकासखंड़ों के 417 गांवों में 2 लाख 11 हजार मेडिकोटेड मच्छरदानियों का वितरण किया गया है। इन गांवों में 324 हाईरिस्क गांव शामिल है। वर्ष 2015 के मलेरिया पॉजीटिव मरीजों के आंकड़ों के आधार इन गांवों का चिन्हांकन किया गया है। बीते वर्ष 95 हजार मच्छरदानियों का वितरण किया गया था। 

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