प्रदेश में विधान सभा की 40 सीटों पर खड़ा करेंगे प्रत्याशी - मांझी समाज का एलान

प्रदेश में विधान सभा की 40 सीटों पर खड़ा करेंगे प्रत्याशी - मांझी समाज का एलान

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-09 13:02 GMT
प्रदेश में विधान सभा की 40 सीटों पर खड़ा करेंगे प्रत्याशी - मांझी समाज का एलान

डिजिटल डेस्क, छिन्दवाड़ा/परासिया। मांझी समाज को आरक्षण मिले। उनके लिए निषाद भवन बने। नदियां सूखने और रेत निकालने से डंगरा, तरबूजा, ककड़ी खेती लगाने से वंचित मछुआरा समाज के लोगों को मुआवजा दिया जाए। दूसरे जिले से मछली पकड़ने आने वालों को रोका जाए। परासिया में सर्व सुविधायुक्त मछली हाट बनाया जाए। उक्त मांगों को मांझी समाज के परासिया में आयोजित जिला स्तरीय सम्मेलन में उठाया गया। वहीं मुख्यमंत्री के नाम रैली निकालकर ज्ञापन सौंपा गया।

इससे पहले सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता और समाज संगठन के जिलाध्यक्ष दिनेश सोनारिया ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया तो प्रदेश में उनकी जाति के प्रभाव वाली 40 सीटों पर आगामी विधान सभा चुनाव में मांझी समाज अपने समाज के लोगों को प्रत्याशी बनाएगी।

पेंच स्टाफ क्लब परासिया में मप्र मांझी ढीमर समाज का सम्मेलन हुआ जिसमें वक्ताओं ने समाज की स्थिति, परिस्थिति, उत्थान के प्रयास और सामाजिक गौरव का मुद्दा उठाया। वक्ताओं ने विशाल रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम नायब तहसीलदार वीर सिंह धुर्वे को ज्ञापन सौंपा, जिसमें सात सूत्रीय मांग के अंतर्गत मांझी समाज को आरक्षण का लाभ दिए जाने की मांग करते हुए डेम, तालाबों में मछली पकड़ने का विशेषाधिकार मांझी समाज की समितियों को दिए जाने का मामला उठाया।

 



आयोजन में समाज संगठन के जिला अध्यक्ष दिनेश सोनारिया, महामंत्री डालचंद वर्मन, सचिव शिवप्रकाश बादशाह मुख्य रूप से शामिल रहे। मांझी समाज की सम्मेलन में वक्ताओं ने अपने गौरवपूर्ण इतिहास और पूर्वजों की वीर गाथा को सुनाते हुए कहा कि कुछ दशकों में मांझी समाज को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिलने से पूरे समाज को उसका खामियाजा भुगतना पड़ा है। देश की आजादी में सर्वाधिक मांझी समाज के लोग शामिल थे, वहीं इतिहास में उनको उचित स्थान नहीं मिला।

समाज की मुख्य मांग
मांझी समाज की सात सूत्रीय मांग है कि निषाद भवन बनाया जाए। पेंचनदी, बावननाला, भाजीपानी, ढाला पत्थरई नदी असमय सूख जाने और डूब में चली जाने के कारण रेत पर डिंगरा, तरबूजा, ककड़ी लगाने वाले वंचित मछुआरों को उिचत मुआवजा दिया जाए। मछली पालन की पंजीकृत समितियों से अपात्र अक्रियाशील एवं निष्क्रिय सदस्यों को निकला जाए और तालाब में आखेट हेतू दूसरे जिले के मछुआरे को आने न दिया जाए। परासिया क्षेत्र के डेम और तालाब का क्षेत्रीय ढीमर मछुआरों की समितियां बनाकर स्वजातिय लोगों को ही पट्टा दिया जाए। मछली पालन की समस्त नीतियों का कड़ाई से पालन हो। परासिया क्षेत्र में मछली विक्रेताओं के लिए पूर्ण व्यवस्थित मछली हाट बाजार बनवाया जाए।     

 

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