नागपुर में 699 औद्योगिक इकाइयां रेड जाेन में

नागपुर में 699 औद्योगिक इकाइयां रेड जाेन में

Anita Peddulwar
Update: 2019-07-05 06:21 GMT
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डिजिटल डेस्क, नागपुर। महाराष्ट्र इकोनॉमिक सर्वे 2018-19 के अनुसार नागपुर में 413 बड़े, 18 मध्यम और 268 लघु औद्योगिक इकाइयां खतरनाक स्तर पर प्रदूषण फैला रही हैं। इन्हें रेड जोन में रखा गया है। इसके साथ ही राज्य में खतरनाक वेस्ट उत्पन्न करने वाले चार औद्योगिक क्षेत्र में नागपुर का बुटीबोरी भी शामिल है। महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार रेड जोन में ऐसी औद्योगिक इकाइयां आती हैं, जिनसे होने वाले प्रदूषण का सूचकांक 60 या उससे अधिक होता है। हाल ही में उद्योगों के स्टार रेटिंग प्रोग्राम के तहत एमपीसीबी और एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट एट द यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो (एपिक इंडिया) की ओर से जारी किए गए रिपोर्ट के अनुसार भी राज्य की 100 से अधिक औद्योगिक इकाइयां मानक से काफी ज्यादा पार्टिकुलेट मैटर का उत्सर्जन कर रही हैं, इनमें नागपुर की 8 इकाइयां शामिल हैं। 

नागपुर में छह औद्योिगक इकाइयों से प्रदूषण अत्यधिक 
एमपीसीबी और एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट एट द यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो (एपिक इंडिया) की ओर से राज्य की औद्योगिक इकाइयों के लिए स्टार रेटिंग कार्यक्रम के तहत 308 इकाइयों का मूल्यांकन किया गया था। इनमें से सौ इकाइयों से मानक से अधिक पार्टिकुलेट मैटर का उत्सर्जन हो रहा है। नागपुर में 22 में छह उद्याेगों में अत्यधिक प्रदूषण उत्पन्न करने वाले पाए गए। विदर्भ में अमरावती में तीन इकाइयों का मूल्याकंन किया गया और उनमें किसी में भी अत्यधिक प्रदूषण नहीं मिला। अकोला के भी उद्याेगों में मापक से आठ गुना ज्यादा प्रदूषण पाया गया। मुंबई में 14 इकाइयों से मानक से दो से छह गुना अधिक प्रदूषण हाे रहा है। हालांकि सबसे ज्यादा सबसे ज्यादा और सबसे अधिक प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग औरंगाबाद और कल्याण में हैं। 

रसायन, शक्कर और डिस्टिलरी से सबसे ज्यादा प्रदूषण
राज्य में सबसे अधिक प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों में रसायन, शक्कर और डिस्टलरी शामिल हैं। राज्य में जांच में शामिल 62 शक्कर व डिस्टिलरी इकाइयों में से 29 को अत्यधिक प्रदूषण उत्पन्न करने वाला पाया गया। रसायन उद्याेगों में 65 में से 24 में मानक से अधिक प्रदूषण उत्सर्जन पाया गया।
 

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