मराठा आरक्षण पर महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की कैविएट

मराठा आरक्षण पर महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की कैविएट

Tejinder Singh
Update: 2019-06-28 12:06 GMT
मराठा आरक्षण पर महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की कैविएट

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र सरकार ने मराठा आरक्षण को वैध ठहराने के बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट पीटिशन दाखिल की है। राज्य सरकार ने यह याचिका बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दिए जाने का अनुमान लागाकर दायर की है। राज्य सरकार की ओर से दायर इस याचिका में कहा गया है कि गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा मराठा समाज को आरक्षण देने के फडणवीस सरकार के फैसले पर मुहर लगाने के खिलाफ अगर कोईयाचिका दाखिल होती है तो कोर्ट एकतरफा रोक का आदेश न दें। कोई भी आदेश देने से पहले महाराष्ट्र सरकार का पक्ष सुना जाए।

पिछले साल 29 नवंबर को महाराष्ट्र सरकार ने शिक्षण संस्थानों और सरकारी नौकरियों में मराठा समुदाय को सामाजिक और शैक्षणिक रुप से पिछड़े वर्ग के तहत 16 फीसदी आरक्षण देने को लेकर विधानमंडल में विधायक पारित किया था। जिसके बाद राज्य सरकार ने सभी संस्थानों को आरक्षण लागू करने संबंधी नोटिफिकेशन भी भेजा था। सरकार के इस फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थी।

महाराष्ट्र सरकार ने यह तर्क है दिया है कि उसने मराठा समुदाय को आरक्षण देने का निर्णय महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशों के आधार पर किया है। आयोग के अनुसार उसने मराठा समुदाय की सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर रिपोर्ट सौंपने से पहले 43,629 परिवारों का सर्वेक्षण किया गया था। आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि मराठा समुदाय के लोग सरकारी और अर्ध सरकारी सेवाओं में कम प्रतिनिधित्व के साथ सामाजिक और शैक्षिक रुप से पिछड़े है। बता दें कि मराठा क्रांति मोर्चा के समन्वयक विनोद पाटील ने भी आज सुप्रीम कोर्ट में बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को लेकर कैविएट दायर की है।      
 

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