स्वच्छता अभियान में पिछड़ने पर महापौर जताया खेद, कहा- कचरे का उचित व्यवस्थापन न होने से पिछड़े

स्वच्छता अभियान में पिछड़ने पर महापौर जताया खेद, कहा- कचरे का उचित व्यवस्थापन न होने से पिछड़े

Anita Peddulwar
Update: 2018-06-28 08:34 GMT
स्वच्छता अभियान में पिछड़ने पर महापौर जताया खेद, कहा- कचरे का उचित व्यवस्थापन न होने से पिछड़े

डिजिटल डेस्क, नागपुर। उपराजधानी की मनपा केन्द्र सरकार के  स्वच्छ भारत अभियान में अच्छा प्रदर्शन कर सकती थी, लेकिन कचरे का उचित व्यवस्थापन न हो पाने से देश में 55वें नंबर पर रही। समय रहते कचरे से बिजली बनाने की प्रक्रिया करने वाली हंजर कंपनी को निकालने का निर्णय लिया होता तो विद्युत प्रकल्प शुरू हो जाता तथा मनपा को और अंक मिलते। इससे उसकी श्रेणी में सुधार हो सकता था। यह बात महापौर नंदा जिचकार ने कही। वे महापौर कार्यालय में कनाडा से वापस लौटने के बाद पत्रकारों से चर्चा के दौरान बोल रही थीं। उन्होंने शहर के इस सूची में नंबर वन आने के लिए मिलजुलकर कड़ी मेहनत करने का आह्वान भी किया।

बता दें कि देशभर में केन्द्र सरकार के तत्वावधान में प्रमुख शहरों का सर्वे किया गया। प्रतियोगिता 4 जनवरी से आरंभ हुई। शहर के कई सारे हिस्सों का निरीक्षण तीन दिन तक किया गया। इसके बाद 16 मई को शहर में स्वच्छता अभियान के लिए नई तरीके से योजना व उत्कृष्ट कार्य करने के लए सर्वश्रेष्ठ शहर के रूप में चुना गया। स्वच्छ भारत अभियान में 23 जून को देश में नागपुर का 55वां व राज्य में 10वां नंबर घोषित किया गया। इसमें कुल 4 हजार नंबर में सर्विस लेवल प्रोग्रेस, डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन, सिटीजन फीडबैक के अंक बांटे गए थे। महापौर ने स्वीकारते हुए कहा कि, कचरा व्यवस्थापन और उचित नियोजन न होने से अंक कम मिले जिससे नागपुर मनपा को 55वें नंबर पर पहुंचा दिया।

बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे
कचरे से बिजली बनाने वाला प्रकल्प बंद पड़ा था, जिससे घनकचरे का व्यवस्थापन नहीं हो पा रहा था। स्वच्छ भारत अभियान में 55वें पायदान पर पिछड़ना बड़ी वजह बनी। अन्यथा हम अच्छा प्रदर्शन कर सकते थे। 
नंदा जिचकार, महापौर 

क्या कहते हैं आंकड़े
सर्विस लेवल प्रोग्रेस     1400 में से 639
डायरेक्ट आॅब्जर्वेशन    1200 में से 1164.52
सिटीजन फीडबैक        1400 में से 1031.43
कुल                           4000 में से 2834.94
 

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