NIT का NMC में विलय शीघ्र हो- पालकमंत्री बावनकुले

NIT का NMC में विलय शीघ्र हो- पालकमंत्री बावनकुले

Anita Peddulwar
Update: 2019-07-18 09:53 GMT
NIT का NMC में विलय शीघ्र हो- पालकमंत्री बावनकुले

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने निर्देश देते हुए कहा कि नागपुर सुधार प्रन्यास का महानगरपालिका में विलीनीकरण करने के लिए आवश्यक प्रक्रिया नासुप्र सभापति व मनपा आयुक्त तीव्र गति से करें। शासन द्वारा दी गई मर्यादा में यह विलीनीकरण होना चाहिए।  नासुप्र के सभागृह में विविध बैठकों का आयोजन किया गया । बैठक में जिलाधिकारी अश्विन मुद्गल, अतिरिक्त आयुक्त रवींद्र ठाकरे, हेमंत पवार व अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। पालकमंत्री ने कहा कि नासुप्र की देणगी और नासुप्र को मिलने वाली निधि का विचार हो। कर्मचारियों के आदान-प्रदान को ध्यान में रखकर प्रस्ताव तैयार कर जल्द से जल्द सरकार को भेजें। 

इस दौरान ताजबाग विकास की भी समीक्षा की गई। सरकार ने इस बार बजट में 50 करोड़ का प्रावधान किया है। सीमेंट रोड, बड़ा ताजबाग का प्रवेश द्वार विषय पर चर्चा की गई। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए 2.5 करोड़ का प्रावधान किया गया। विद्युत खर्च के प्रावधान में भी बचत होने की संभावना है। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को सौर ऊर्जा पर करने के निर्देश भी दिए। ताजबाग परिसर में पानी की टंकी अमृत योजना से मनपा कर रही है। वांजरा, कलमना, चिचभवन व नारी पानी टंकी का काम नासुप्र को त्वरित पूरा करने के निर्देश पालकमंत्री ने दिए हैं। 

8 मकान तोड़े 
सिम्बॉयसिस के कारण विस्थापित होने वाले नागरिकों के 8 मकान तोड़े गए। कुल 56 मकान हैं। यह जगह मनपा की है। विस्थापितों के अन्य मकान फिलहाल न तोड़ें। उन्हें अन्य स्थान पर जगह व मकान निर्माणकार्य के लिए अनुदान का प्रस्ताव सरकार को भेजें। इसके बाद उनके मकान हटाने के निर्देश पालकमंत्री ने दिए। फिलहाल शेष नागरिकों को अब वहां निर्माणकार्य नहीं करने भी भी निर्देश दिए हैं।

दीक्षाभूमि के विकास के लिए निधि जारी करने मंत्रिमंडल लेगा निर्णय
दीक्षाभूमि के विकास पर केंद्रित एड. शैलेश नारनवरे द्वारा दायर जनहित याचिका पर बुधवार को हाईकोर्ट मंे सुनवाई हुई। इस दौरान नासुप्र और एनएमआरडीए की आेर से एड. गिरीश कुंटे ने हाईकोर्ट को जानकारी दी कि दीक्षाभूमि के विकासकार्यों के लिए जो कुल 281 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। उसे मंजूरी देने के लिए जल्द ही मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई गई है। ऐसे में कोर्ट ने मामले की सुनवाई दो सप्ताह बाद रखी गई है।

याचिकाकर्ता के अनुसार दीक्षाभूमि को "अ' श्रेणी के पर्यटन स्थल का दर्जा प्राप्त है। लेकिन इसके बाद भी दीक्षाभूमि को विकास की दरकार है। यहां श्रद्धालुओं के लिए रहने के कोई प्रबंध नहीं है। पर्याप्त शौचालय, पार्किंग और अन्य मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं। दीक्षाभूमि पर 14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती और 6 दिसंबर को महापरिनिर्वाण दिवस के मौके पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। लेकिन इन आयोजनों का ठीक से प्रबंधन नहीं किया जाता। इससे श्रद्धालुओं और आस पास के निवासियों को असुविधा होती है। जनहित याचिका में हाईकोर्ट से प्रार्थना की गई है कि वे ऐसे आदेश जारी करें, जिससे दीक्षाभूमि का विकास हो सके। श्रद्धालुओं के लिए रहने के प्रबंधन हो, पार्किंग, शौचालय, अस्पताल के इंतजाम हो सके।
 

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