मंत्री का सरकारी बंगले पर घूस लेना शर्मनाक : सावंत 

 मंत्री का सरकारी बंगले पर घूस लेना शर्मनाक : सावंत 

Anita Peddulwar
Update: 2019-03-28 12:23 GMT
 मंत्री का सरकारी बंगले पर घूस लेना शर्मनाक : सावंत 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। औरंगाबाद की एक अदालत द्वारा राज्य के सामाजिक न्याय मंत्री दिलीप कांबले के खिलाफ एफआईआर करने के आदेश जारी करने के बाद विपक्षी दल कांग्रेस आक्रामक हो गई है। प्रदेश कांग्रेस ने राज्यमंत्री द्वारा अपने सरकारी बंगले पर रिश्वत लेने की घटना को शर्मनाक बताते हुए कांबले को राज्य मंत्री परिषद से बर्खास्त करने की मांग की है। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि ‘चौकीदार चोर है’ नारे को महाराष्ट्र के एक राज्यमंत्री ने सही साबित किया है। उन्होंने कहा कि औरंगाबाद की एक अदालत द्वारा कांबले के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश देने के बाद मामला दर्ज करने से  साबित हो गया है कि इस सरकार में क्या चल रहा है। विलास चव्हाण नामक एक व्यक्ति की शिकायत पर अदालत ने यह निर्देश दिया है। 

सावंत के अनुसार शिकायतकर्ता चव्हाण ने कहा है कि शराब दुकान के लाईसेंस के लिए राज्य मंत्री कांबले की तरफ से दो करोड़ 15 लाख रुपए की रिश्वत मांगी गई थी। चव्हाण ने कांबले के सरकारी बंगले पर खुद अपने हाथों से कांबले को पैसे दिए। इस संदर्भ में चव्हाण की राज्यमंत्री के बंगले पर चार बार उनसे मुलाकात हुई। कांबले के निजी सचिव मनाले ने 60 लाख रुपए की रकम कांबले के सरकारी बंगले पर लिया।

साथ ही मंत्री के करीबी लोगों के बैंक खाते में भी रिश्वत की रकम ट्रांसफर की गई। मंत्री की पत्नी के होटल माथेरान के बैंक खाते में भी पैसे भेजे गए। अदालत ने इस मामले को गंभीर मानते हुए भारतीय दंड संहिता की धारी 420, 120 बी, 404 और 34 के तहत मामला दर्ज करने का आदेश दिए जाने के बाद औरंगाबाद के सिडको पुलिस स्टेशन में राज्यमंत्री कांबले सहित चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हो गया है। इस लिए अब कांबले की तत्काल गिरफ्तारी होनी चाहिए। सावंत ने कहा कि रिश्वत लेने वाले मंत्री को साथ लेकर सरकार चलाने वाले मुख्यमंत्री को सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकारी नहीं है।    
 

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