फिर विवादों में यूनिवर्सिटी, हरे-भरे 32 पेड़ों की कटाई, अब मनपा करेगी खिंचाई

फिर विवादों में यूनिवर्सिटी, हरे-भरे 32 पेड़ों की कटाई, अब मनपा करेगी खिंचाई

Anita Peddulwar
Update: 2019-01-11 06:59 GMT
फिर विवादों में यूनिवर्सिटी, हरे-भरे 32 पेड़ों की कटाई, अब मनपा करेगी खिंचाई

डिजिटल डेस्क, नागपुर। आए दिन विवादों में रहने वाली नागपुर यूनिवर्सिटी नए विवादों में घिर गई है। यूनिवर्सिटी के लॉ कॉलेज चौक स्थित लोअर हॉस्टल में 32 बड़े पेड़ों की कटाई कर दी गई। दैनिक भास्कर द्वारा इस विषय को प्रमुखता से प्रकाशित करने के बाद पर्यावरण प्रेमियों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन के इस कार्रवाई की निंदा की। इधर, मनपा उद्यान विभाग ने पेड़ों की कटाई करने वाले ठेकेदार व मजदूरों से पूछताछ की। अब मनपा विश्वविद्यालय प्रशासन को नोटिस जारी करने की तैयारी में है। इधर विश्वविद्यालय में राष्ट्रवादी युवक कांग्रेस ने कुलगुरु डॉ.सिद्धार्थविनायक काणे के इस्तीफे की भी मांग कर दी। इस मामले में भास्कर से बात करते हुए डॉ.काणे ने कहा कि उन्हें खबर प्रकाशित होने के बाद ही मामले का पता चला है। ऐसे में इसकी वस्तु स्थिति जानने के बाद ही कोई कार्रवाई करेंगे। 

यूनिवर्सिटी को नोटिस भेजने की तैयारी
हॉस्टल में हुई पेड़ों की कटाई में सुबबुल और हिवर के दो पेड़ जड़ से उखाड़ दिए गए। 7 अशोका, 11 कासिया, 2 नीम और एक बरगद व रीठा, आम, जंगली करंजी, चार गुलमोहर, दो बबूल और एक शेवगा के पेड़ की कटाई की गई। विवि के उद्यान विभाग ने केवल हॉस्टल के एक पुराने सूखे आम के पेड़ को काटने के लिए मनपा से अनुमति ली थी। शेष पेड़ों को काटने की कोई अनुमति नहीं थी। 

मनपा उद्यान निरीक्षक अमोल चोरपगार ने भास्कर से बातचीत में कहा है कि उनके विभाग ने इस संबंध में गुरुवार को ठेकेदार व कटाई करने वाले मजदूरों से पूछताछ की है। अब मनपा विश्वविद्यालय को नोटिस जारी करेगी। मामले में ग्रीन विजिल फांउंडेशन संस्थापक कौस्तभ चटर्जी ने उद्यान विभाग को लिखित शिकायत देकर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा की गई पेड़ों की कटाई पर आपत्ति ली है। साथ ही मामले में दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की भी मांग की है। 

अवैध कटाई पर आपत्ति जताई 
हरे भरे पेड़ों की कटाई के खिलाफ राष्ट्रवादी विद्यार्थी कांग्रेस ने तीव्र प्रतिक्रिया दी है। संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को यूनिवर्सिटी कुलगुरु से मुलाकात करके पेड़ों की कटाई पर आपत्ति जताई व मामले में जांच दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। संगठन ने मामले में कुलगुरु की नैतिक जिम्मेदारी बताते हुए संगठन ने उनके इस्तीफे की मांग की। इस दौरान संगठन के ज्वाला जांबुवंतराव धोटे, शैलेंद्र तिवारी, राविका प्रदेश सचिव राहुल पांडेय, राविका कार्याध्यक्ष रुद्र धाकडे,  पूनम रेवतकर,चेतन कोलते, नितिन वजेकर,अनमोल मुदलियार, किसन तिवारी,आशु आवले व अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।  

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