कोरोना संकट के चलते टला मानसून सत्र, 22 जून की बजाय 3 अगस्त से शुरू होगा अधिवेशन

कोरोना संकट के चलते टला मानसून सत्र, 22 जून की बजाय 3 अगस्त से शुरू होगा अधिवेशन

Tejinder Singh
Update: 2020-06-10 14:14 GMT
कोरोना संकट के चलते टला मानसून सत्र, 22 जून की बजाय 3 अगस्त से शुरू होगा अधिवेशन

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना संकट के चलते महाराष्ट्र विधानमंडल का मानसून अधिवेशन टल गया है। विधानमंडल का मानसून अधिवेशन 22 जून की बजाय, अब 3 अगस्त से शुरू होगा। यदि जरूरत पड़ी तो 3 अगस्त से पहले भी पूरक मांगों को मंजूर कराने के लिए एक दिन का विशेष अधिवेशन बुलाया जा सकता है। बुधवार को विधानमंडल के दोनों सदनों की कामकाज सलाहकार समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया। विधानभवन परिसर में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने यह जानकारी दी। ठाकरे ने कहा कि कोरोना के कारण 22 जून से मानसून सत्र बुलाना कठिन है। इसलिए अब 3 अगस्त से मानसून अधिवेशन की शुरुआत होगी।

उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि कोरोना संकट और चक्रवाती तूफान से प्रभावित लोगों को राहत देने के लिए सरकार आकस्मिक निधि से खर्च कर रही है। इसके बावजूद अगर जरूरत पड़ी, तो पूरक मांगों की मंजूरी के लिए विधानमंडल का एक दिन का अधिवेशन बुलाया जा सकता है। 

प्रदेश के राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात ने कहा कि सदन के कामकाज की दृष्टि से मानसून अधिवेशन महत्वपूर्ण होता है, पर कोरोना के कारण सत्र को टालना पड़ रहा है।

वहीं विधान सभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हमने मानसून सत्र 3 अगस्त से शुरू करने के सरकार के प्रस्ताव का समर्थन किया है। फडणवीस ने कहा कि अगर सरकार को पूरक मांग प्रस्ताव मंजूर करना है, तो एक दिन का अधिवेशन बुलाएं। इसमें सदन के सदस्यों की उपस्थिति की अनिवार्यता नहीं रखी जाए। विपक्ष पूरक मांगों के प्रस्ताव को मंजूर करने के लिए सरकार का समर्थन करेगा। फडणवीस ने कहा कि मानसून सत्र के लिए विधायकों से जो तारांकित प्रश्न मंगाए गए हैं, उन सवालों को अतांरिकत मानकर अधिवेशन में उसके जवाब सदन के पटल पर रखा जाए। साथ ही किसी सवाल के जवाब से सदस्य संतुष्ट नहीं होते हैं, तो उसको सदन में पूछने का मौका दिया जाना चाहिए।

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