नजूल के 60 से अधिक मामले लंबित, 4 माह से इंतजार कर रही हैं 4 दर्जन फाइलें

नजूल के 60 से अधिक मामले लंबित, 4 माह से इंतजार कर रही हैं 4 दर्जन फाइलें

Anita Peddulwar
Update: 2020-01-13 09:51 GMT
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डिजिटल डेस्क, नागपुर । लीज पर दी गई नजूल की जमीन व नजूल की जमीन पर बने फ्लैट को पुन: बेचने के लिए जरूरी जिलाधीश कार्यालय की मुहर का इंतजार पिछले 4 महीने से 4 दर्जन फाइलें कर रही हैं। शहर के अलग-अलग क्षेत्रों के नजूल से संबंधित 60 से ज्यादा मामले जिलाधीश कार्यालय में लंबित हैं।  नजूल की जमीन सरकार की होती है आैर इसकी देख-रेख व जरूरी कार्रवाई की जिम्मेदारी जिलाधीश पर होती है।

शहर में कई ऐसे भूखंड हैं, जिनकी लीज का सिलसिला आजादी के पहले से चल रहा है। जिला प्रशासन की तरफ से 30-30 साल के लिए लीज बढ़ाई जाती है। जिला प्रशासन इसके लिए जरूरी शुल्क लेता है। बाजार मूल्य के 50 फीसदी तक शुल्क लिया जाता है। इन भूखंड या इन भूखंडों पर बने फ्लैट या मकान को बेचने के लिए जिला प्रशासन की एनओसी लगती है। सितंबर 2019 से जिलाधीश का कार्यालय में 4 दर्जन से ज्यादा फाइलें पड़ी हुई हैं। जिला प्रशासन इन फाइलों को "क्लोज’ करके संबंधितों को एनआेसी जारी करता है। 

राजनीतिक अस्थिरता का भी असर 
सितंबर 2019 से जिले में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगी। डेढ़ माह यह प्रक्रिया चली। इसके बाद एक माह राज्य में किसी की सरकार नहीं बनी। फिर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा। अचानक राष्ट्रपति शासन हटा आैर दो दिन के लिए फडणवीस सरकार बनी। इसके बाद महाविकास आघाड़ी की सरकार बनी और एक महीने तक विभागों का बंटवारा नहीं हुआ। राजनीतिक उठा-पटक व अस्थिरता का असर भी इन फाइलों पर पड़ने की खबर है। 

अधिकांश फाइलें क्लियर हो गई हैं
नजूल से संबंधित फाइलें जिला प्रशासन के पास विचाराधीन थीं। मूल लीज डीड या मूल (ओरीजनल) दस्तावेज नहीं जोड़ने के कारण फाइलें क्लियर नहीं हो रही थीं। अब  अधिकांश फाइलें क्लियर हो गई हैं। संबंधितों ने दस्तावेजों की पूर्तता की आैर अधिकांश फाइलें क्लियर हो गई हैं। एनआेसी जारी की जा रही है। -रवींद्र ठाकरे, जिलाधीश, नागपुर

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